शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्तनपान जरूरी : सीएमओ
विश्व स्तनपान सप्ताह पर संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित
छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने पर जोर
स्तनपान कराने के समय बरती जाने वाली सावधानियां बताईं
संकल्प सवेरा जौनपुर, । मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में शुक्रवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई | इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने कहा कि शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए माँ का दूध ही सर्वोपरि है।
नवजात को पहले घंटे के अंदर गाढ़ा पीला दूध पिलाना और छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना जरूरी है। प्रसव कक्ष से ही शिशु की त्वचा मां के सम्पर्क में रहनी चाहिए। इसका शत-प्रतिशत अनुपालन होना चाहिए। सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का मुख्य फोकस तीन तरह के लाभार्थियों पर है।
पहला जिन महिलाओं का सिजेरियन प्रसव हुआ है, दूसरा जिन शिशुओं का वजन कम है और तीसरा जो महिलाएं पहली बार मां बनीं हैं। उन्होंने इन सभी लाभार्थियों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई, जिससे स्तनपान से संबंधित आंकड़ों में जनपद के साथ ही प्रदेश स्तर पर सुधार किया जा सके।
कार्यशाला में एसीएमओ (आरसीएच) डॉ सत्य नारायण हरिश्चंद्र ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपदा कोष (यूनीसेफ) के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में मात्र 25.2 प्रतिशत महिलाएं ही शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान करातीं हैं।
इसका मतलब चार में से एक बच्चे को ही जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का दूध नसीब होता है। मात्र 42 प्रतिशत बच्चे ही पूरे छह माह तक सिर्फ मां के दूध के सहारे रह पाते हैं जबकि बाकी बच्चों को मां के दूध के साथ ऊपरी आहार दिया जाने लगता है। ऐसा किया जाना गलत है। उन्होंने कहा कि कोविड प्रभावित प्रसूता भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने शिशु को स्तनपान करा सकती है। स्तनपान कराने के दौरान उसे मात्र तीन बातों का ध्यान रखना होगा। पहली बात स्तनपान कराने के समय मां के हाथ धुले हों। उसने मास्क पहन रखा हो। बच्चे के आसपास की उस सतह को जिसे वह छूती हो उसे विसंक्रमित कर दिया गया हो।
इस दौरान इनफैंट मिल्क सब्सीट्यूट एक्ट-2003 पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि इसके तहत किसी भी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा कर्मी का पैकेट बंद दूध को प्रोत्साहित करना दंडनीय अपराध माना गया है। स्तनपान प्रोत्साहित करने के लिए प्रसव पूर्व से ही परामर्श की आवश्यकता जताई गई। इसके साथ ही सीएमओ ने चिकित्साधिकारी, स्टाफ नर्स, एएनएम और आशा कार्यकर्ता को जिम्मेदारी के संबंध में निर्देश दिया।
कार्यक्रम में ब्लाक से चिकित्साधिकारी, नर्स मेंटर ने भाग लिया। एसीएमओ डॉ एसपी मिश्रा, डॉ राजीव कुमार, डॉ प्रभात, डॉ एससी वर्मा, मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार नीरज सिंह, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) मोहम्मद खुवैद रजा, जिला अस्पताल के मैनेजर डॉ आशीष यादव सहित तमाम लोग मौजूद थे।