गैंगस्टर मामले में बसपा सांसद अतुल राय समेत चार आरोपी बरी, वाराणसी कोर्ट ने किया दोषमुक्त
कोर्ट में सांसद अतुल ने कहा मैं बिल्कुल निर्दोष हूं। न तो मैं गैंगेस्टर हूं और न मेरा कोई गैंग है। मैं निर्वाचित सांसद हूं। सत्ता पक्ष के दबाब में मुझे फंसाया गया है।
घोसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय समेत चार आरोपी गैंगस्टर के एक मामले में दोषमुक्त हो गए हैं। मामले में गुरुवार को वाराणसी कोर्ट से सभी को बरी किया गया है। बता दें कि बसपा के टिकट पर अतुल राय 2019 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर किए
विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने गैंगस्टर के एक मामले मे बसपा सांसद अतुल राय समेत चार को बरी कर दिया। अदालत ने 50 पेज के फैसले में कहा कि इस प्रकरण के तथ्यों का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि गैंगस्टर के अंतर्गत अभियुक्त की दोषसिद्धि हेतु अभियोजन द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है। यह साबित किया जाना आवश्यक है कि अभियुक्तगण द्वारा एक गैंग संचालित किया जा रहा था, जो गैंगचार्ट में दर्शित अपराधों द्वारा आर्थिक भौतिक या अन्य लाभ अर्जित कर रहे थे। जनमानस में भय का माहौल बनाकर किसी लाभ के उद्देश्य से लोक व्यवस्था को भंग कर रहे थे
मामले में अभियोजन न तो गैंग चार्ट में से दर्शित मुकदमों में एक की भी सत्यता को साबित कर सका और न ही आरोपियों द्वारा कथित अर्जित लाभ या उनके गैंग संचालन के तथ्य को साबित कर सका है। अदालत ने कहा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आरोपियों द्वारा विधि विरुद्ध रूप से संग्रहित किसी भी संपत्ति को डीएम द्वारा कुर्की की कारवाईं नहीं की गई। साथ ही अनुचित भौतिक या आर्थिक लाभ अर्जित करने के मामले में किसी संपत्ति का विवरण नहीं दिया गया। वादी ने भी इस बात का जिक्र अपनी तहरीर में नहीं किया है।
आरोप सिद्ध करने में विफल रहा अभियोजन पक्ष
अदालत ने समस्त साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी सुजीत सिंह उर्फ सुरजीत सिंह अपने गिरोह का सरगना है और आरोपी सांसद अतुल सिंह, अनिल कुमार मिश्र व राजन सिंह उस गिरोह के सदस्य हैं। ऐसे में चारो आरोपियों को गैगेस्टर एवं समझ विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम में बरी किया जाता है।
अदालत में आरोपी सांसद का पक्ष अधिवक्ता अनुज यादव व दिलीप श्रीवास्तव ने रखा। अभियोजन के मुताबिक 3 अप्रैल 2009 को प्रभारी निरीक्षक मंडुआडीह धर्मवीर सिंह ने अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद पाया कि सुजीत सिंह नाजायज गिरोहबंद किस्म का अपराधी है और नाजायज गिरोह बनाकर अपने गैंग व अन्य सदस्यों के आर्थिक, सामाजिक व भौतिक लाभ के लिए अपराध को अपना पेशा बना लिया है। सुजीत सिंह गैंग का लीडर है तथा उसके गैंग के मुख्य सदस्य अतुल सिंह, अनिल मिश्रा और राजन सिंह हैं।
लोगों के खिलाफ चार अपराधों का जिक्र करते हुए चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। डीएम द्वारा इस मामले में 2 अप्रैल 2009 को गैंग चार्ट का अनुमोदन किया गया था और विशेष न्यायाधीश (गैंगेस्टर) की अदालत ने 14 फरवरी 2011 को आरोप पत्र का संज्ञान लिया। अभियोजन की ओर से इस मामले में कुल 19 गवाह पेश किया गया।
मैं बिल्कुल निर्दोष हूं
अदालत में सांसद ने अपने बयान में कहा की मैं बिल्कुल निर्दोष हूं। न तो मैं गैंगेस्टर हूं और न मेरा कोई गैंग है। मैं एक राजनीतिक और सामाजिक एवं जनता द्वारा सुना गया निर्वाचित वर्तमान सांसद हूं। मेरे विरोधियों द्वारा साजिश करके सत्ता पक्ष के दबाव में गलत व फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।