शिव प्रकृति प्रदूषक तत्त्वों का नाश कर जीव-जगत का कल्याण करते हैं:फादर पी विक्टर
महाशिवरात्रि के अवसर पर फादर पी विक्टर ने शिव मंदिरों में किया वृक्षारोपण
संकल्प सवेरा जौनपुर सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर के प्रधानाचार्य,प्रकृति प्रेमी फादर पी विक्टर ने हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवमन्दिरों में वृक्षारोपण किया।इसकी शुरुआत कुत्तूपुर के दुर्गा मंदिर में स्थिति शिव मंदिर से हुई जहाँ पर पहले भी फादर ने वृक्षारोपण किया था।फादर का प्रकृति से बहुत लगाव है इसलिए हर साल विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण करते हैं पर शिवमन्दिर में वृक्षारोपण का कार्यक्रम विगत 15 वर्षों से नियमित रूप से चल रहा है।फादर का कहना है कि शिव प्रकृति के देव हैं।प्रकृति के प्रदूषक तत्त्व हलाहल को पीकर प्रकृति को संरक्षित करते हैं।
शिव परिवार में एक तरफ गणेश का वाहन मूषक है तो दूसरी तरफ शिव के गले में विराजमान मूषक को खाने वाला सर्प है।कुमार कार्तिकेय का वाहन मयूर सर्पभक्षी है।शिव का वाहन नन्दी बैल है जबकि शिवा का वाहन शेर है जिसका आहार बैल है फिर भी शिव परिवार में रहनेवाले इन सब में आपस में वैर नहीं है।सब एक साथ प्रेम पूर्वक रहते हैं।शिव परिवार का यह दृष्टांत हमें यही स्वाभाविक वैर भाव त्यागने की सीख देता है।
शिव का अर्थ कल्याण है अतः शिवार्चन से जगत का कल्याण होता है इसलिए शिव देव-दानव सबके द्वारा वंद्य हैं।शिव के संहार के देवता कहे गए हैं पर उनके संहार में भी कल्याण छिपा होता है।संसार हर जीव और हर वस्तु के लिए एक निश्चित समय होता है।उस सीमा का अतिक्रमण करने से संसार में अव्यवस्था उत्पन्न हो जाएगी इसलिए शिव कल्याण की भावना से उनका संहार करते हैं ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे,सांसारिक व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके।
इस पुनीत कार्य में सभासद भल्लू सोनकर,मंदिर के पुरोहित पंडित जीवन प्रकाश उपाध्याय, विद्यालय के विरिष्ठ प्रवक्ता प्रेम शंकर यादव,रामजी तिवारी एवं अन्य कर्मचारियों ने सहभागिता की।