जलवायु परिवर्तन के दौर में किसानों के लिए वरदान साबित हो रही प्रधानमंत्री फसल बीमा:डा.रमेश
31 दिसम्बर तक करा ले फसलों का बीमा
जौनपुर,संकल्प सवेरा : मछलीशहर एवं सुजानगंज राजकीय बीज भण्डार पर शनिवार को कृषि विभाग द्वारा कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत रबी गोष्ठी का आयोजन किया गया जहां किसानों कृषि विभाग की योजनाओं एवं रबी फसलों की बेहतर उत्पादन वाली तकनीकीयों से किसानों को प्रशिक्षित किया गया।
किसानों को संबोधित करते हुए उप परियोजना निदेशक (आत्मा) कृषि प्रसार डा.रमेश चंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आज की जलवायु परिवर्तन के दौर में किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिले इसके लिए गाइडलाइन में भारत सरकार संशोधन किया है लाभ पाने के लिए 31 दिसंबर तक फसलों का अवश्य बीमा करा लें, उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं यथा बूढ़ा बाढ़ रोगों कीटों,
भूस्खलन अथवा रोके ना जा सकने वाले कारकों से होने वाले नुकसान पर अधिसूचित क्षेत्रों की अधिसूचित फसलों के बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराई जाती है, अब इस योजना को ऐच्छिक कर दी गई है, इच्छुक गैर ऋणी किसान अपनी खतौनी, आधार कार्ड के साथ बीमित फसल के क्षेत्रफल का घोषणा पत्र भरकर नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र से मात्र डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम पर 31 दिसंबर तक बीमा करा सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड धारक ऋणी कृषक यदि अपनी फसलों का बीमा नहीं कराना चाहते हैं तो 31 दिसंबर से 1 सप्ताह पहले अर्थात 24 दिसंबर तक संबंधित बैंकों में बीमा न कराने का आवेदन प्रस्तुत कर दें
अन्यथा बैंक स्वत: उनका प्रीमियम काट करके उनको योजना से लाभान्वित कर देगी। उप परियोजना निदेशक ने बताया कि ओलावृष्टि, फसल कटाई के बाद खेत में 14 दिन के अंदर सूखने रखी गई फसल के नुकसान होने पर व्यक्तिगत क्षति पूर्ति का भी प्रावधान है। डा. यादव ने बताया कि रबी फसलों में गेहूं की बीमित राशि रुपये 62824 प्रति हेक्टेयर तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम रुपये 942.36 प्रति हेक्टेयर, चना की बीमित राशि रुपये 77756 तथा कृषक द्वारा दे
प्रीमियम रुपया 1166. 34, मटर की बीमित राशि रुपये 68300 जिसका कृषक द्वारा देय प्रीमियम रुपये 1024.50 आलू की बीमित राशि रुपये 115000 प्रति हेक्टेयर तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम 5750.00 रुपए प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। गोष्ठी में किसानों को एकीकृत समन्वित कृषि प्रणाली से खेती करने का सुझाव दिया गया तथा
बदलते मौसम के मिजाज को देखते हुए फसलों में लगने वाले समसायिक रोगों एवं कीटों से बचाव की तकनीकी जानकारी दी गई। अध्यक्षता प्रधान कमलेश मिश्र तथा संचालन बीज गोदाम प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद यादव ने किया। इस मौके पर बीटीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय, एडीओ नबाब अली, दयाशंकर शुक्ल,सुरभि चौहान,
कलावती, सुषमा, अजय मौर्य,सभालाल पटेल आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे। अन्त में एडीओ एजी डा. डीके सिंह ने आभार व्यक्त किया।