संकल्प सवेरा गाजीपुर योगी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की भरपूर कोशिश हो रही है लेकिन भ्रष्टाचार की पंजिका में अब तक दर्ज हो चुके महकमों में खाद रसद और विपणन विभाग अपना एक प्रमुख स्थान रखता है हालांकि अधिकतर महकमा हमसे स्पेक्टर आज का खात्मा हो चुका है
परंतु इस महकमे में अभी भी सप्लाई इंस्पेक्टर, मार्केटिंग इंस्पेक्टर जैसे पद का जलवा बरकरार है। सप्लाई और मार्केटिंग इंस्पेक्टर पद नाम वाले कोटेदार आज भी कोटेदारों पर अपना राज चलाते हैं खाद्य रसद का पूर्ति महकमा अनाधिकार से महत्वपूर्ण रहा है इसमें इंस्पेक्टर सबसे महत्वपूर्ण ओहदा होता है इस कुर्सी पर आबाद ब्यक्ति उपभोक्ता कोटेदार व विभागीय उच्चाधिकारियों के बीच के महत्वपूर्ण कड़ी होता है
काशीमाबाद के पूर्ति महकमा का जिक्र कर रहे हैं जिसमें वर्षों से जमे अंगद का पांव बने सप्लाई इंस्पेक्टर पर तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन इनके ऊपर कोई विभागीय कार्यवाही नहीं हुई है इससे लोग अनुमान लगा रहे हैं कि इनके ऊपर प्रभाव सालियों का हाथ है कासिमाबाद तहसील के ग्राम सभा चक जेनब निवासी धर्मेंद्र कुमार ने अगस्त माह में डीएम एमपी सिंह से शिकायत किया की पूर्ति निरीक्षक द्वारा कोटि के दुकान आवंटन में घोर अनियमितता की गई है
ग्राम सभा महमदपुर मनोरथ और देवली ग्राम सभा में जरूरी कागजातों पर अधिकारी ने अपना हस्ताक्षर बनाया है वही एक ही व्यक्ति को दो नियुक्ति पत्र जारी किया है
वसूली लिस्ट भी हो चुका है वायरल
सप्लाई इंस्पेक्टर संतोष सिंह के खिलाफ तहसील दिवस से लेकर डीएम के यहां कई बार शिकायतकर्ता ने प्रार्थना पत्र दिया है आरोप लगाया कि कोटेदार से इंस्पेक्टर अवैध वसूली करते हैं सबूत के तौर पर सोशल मीडिया पर सप्लाई इंस्पेक्टर का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें रिश्वतखोरी की बात सामने आई थी इसके अलावा वसूली का भी लिस्ट वायरल हो चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई बता दें कासिमाबाद तहसील दिवस के दौरान सक्सेना गांव निवासी कोटेदार सत्यदेव लाल विश्व बहादुर कुशवाहा रामगढ़ के प्रकाश चंद जायसवाल आदि कोटेदारों में सप्लाई इंस्पेक्टर के खिलाफ रिश्वत लेने और रिश्वत न देने पर फर्जी तरीके से दुकान निरस्त करने का आरोप लगाया था