“मां है हिंदी”
मां भारती के माथे का ताज है हिंदी।
एकता के धागों में पिरोने वाली ,
हमारी मां है हिंदी।
हमारी संस्कृति है हिंदी।
हमारी परंपरा है हिंदी।
मां की संतान है हिंदी।
एक बच्चे की जुबान है हिंदी।
राष्ट्रीयता का प्रतीक है हिंदी।
हमारी मातृ भाषा है हिंदी।
दिन की शुरुआत है हिंदी।
तो कहीं ढलती हुई शाम है हिंदी।
अंधेरों में चांदनी रात है हिंदी।
उगते हुए सूरज का प्रकाश हिंदी।
हमारे वतन का रिवाज है हिंदी।
हमारे पूर्वजों का प्रसाद है हिंदी।
देश के लिए ईश्वरीय वरदान हिंदी।
एक कामना है हिंदी।
एक भावना है हिंदी।
होली दिवाली दशहरे का त्यौहार है हिंदी।
हमारे तिरंगे के रंगों की पहचान है हिंदी।
नाम है जिसका बहुत प्यारा सा,
ऐसा हिंदुस्तान है हिंदी।
हमारे देश का आन, मान,शान,
और अभिमान है हिंदी।
कितना सुंदर नाम है हिंदी।
सर्वाधिक सुरक्षित
स्वरचित रचना
रचनाकार: सपना मिश्रा
मुंबई