नशे का आदी व्यक्ति समाज में वह दीमक है जो सबसे पहले स्वयं को, फिर परिवार को और फिर राष्ट्र को खोखला बना देता है। आज की विडम्बना है कि युवा वर्ग जिस तरह नशे की गिरफ्त में आ रहा है वह संपूर्ण विश्व को आतंकित कर रहा है और शायद यही कारण है कि इस वर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम “युवा पीढ़ी की सुरक्षा”, को बनाया गया है। नशे के दिग्भ्रमित “उद्योग के जोड़-तोड़ से युवाओं की रक्षा करना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के उपयोग से रोकना” ही इस वर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस -2020 का केंद्रीय विषय है।
आज ये तंबाकू उद्योग न जाने कौनसी प्रगति संजोए अपने नशे के उत्पादों के लिए उभरते और कमजोर बाजार के रूप में युवाओं को लक्षित करके देश के मानव संसाधन का मखौल उडा रहे हैं। वैश्विक परिदृश्य में तंबाकू नियंत्रण नीति-निर्माताओं के लिए एक चुनौती बन गया है। आज हम बात करे राजस्थान के परिदृश्य की तो ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स- II) के अनुसार,राजस्थान में 15+ की उम्र में कुल तंबाकू का उपयोग 24 .7 % (39 .6 % पुरुष और 9% महिलाएँ) है। तम्बाकू का उपयोग शुरू करने की औसत आयु 18.4 वर्ष है। (पुरुषों के लिए 18. 9 वर्ष तथा महिलाओं के लिए 17.9 वर्ष) है ।हालांकि तंबाकू नियंत्रण समुदाय द्वारा किए गए अभूतपूर्व प्रयासों के परिणामस्वरूप यह लत कम तो हो रही है, परन्तु इन कमजोर समूहों की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास किया जाना चाहिए। जैसा कि ज्ञातव्य है कि तम्बाकू उद्योग अच्छी तरह से जानता है, एक व्यक्ति जो 20 वर्ष से पहले धूम्रपान करना शुरू कर देता है, वह न केवल इसकी लत विकसित करने की अधिक संभावना रखता है, बल्कि बाद में जीवन में धूम्रपान पर नियंत्रण भी नहीं रख पाता है । एक तरह से यह उद्योग युवा लोगों को घातक निर्भरता बेचता है ।
दशकों से, तम्बाकू उद्योग ने युवाओं को तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों के प्रति आकर्षित करने के लिए जानबूझकर रणनीतिक और आक्रामक रणनीति अपनाई है। तंबाकू उपयोगकर्ताओं की एक नई पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए किए गए शोध और गणना के दृष्टिकोणों से पता चलता है की तम्बाकू उत्पादों की बनावट से लेकर विपणन के लिए चलाए गए अभियानों से लाखों लोग हर साल तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं। फिर भी ये कैसी विडंबना है कि युवा इन व्यसनों के साथ स्वयं को परिपक्व महसुस करता है। ये छद्म आत्मविश्वास व्यक्ति की इहलीला को लील रहा है।
इसी थीम को लेकर विश्व तंबाकू निषेध दिवस -2020 का वैश्विक अभियान निम्न कार्य करेगा:
• तम्बाकू उत्पादकों द्वारा बिछाये गए झूठ के मकड़जाल और तंबाकू उद्योगों द्वारा नियोजित रणनीति को उजागर करके युवाओं को यह आत्मविश्वास दिलाया जाएगा कि कोई भी नशा आत्मविश्वास पैदा नहीं करते हैं। वे थोड़ी देर के लिए मनस्थिति को परिवर्तित कर देते हैं।
• विशेष रूप से तंबाकू उद्योगों की कार्ययोजना समझना कि वे किस प्रकार युवाओं पर लक्षित विपणन रणनीति, जिसमें नए और अनूठे उत्पाद, स्वाद और अन्य आकर्षक विशेषताओं का लोभ दिखा रहे हैं, उसका सुनियोजित पर्दाफाश करना।
• तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर वर्तमान और भावी पीढ़ी को तंबाकू और संबंधित उद्योगों के इरादों और रणनीति के बारे में ज्ञान के साथ यह बताना कि नशे द्वारा प्राप्त विश्वास छद्म है।
• बिग टोबेको( सबसे बड़ी वैश्विक तंबाकू उद्योग कंपनियां ) के खिलाफ लड़ाई में युवाओं को बचाने और बदलने के लिए युवाओं का प्रभावी मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण करना ताकि अवसाद में वे इनके शिकार न बन जाए।
• तंबाकू और निकोटीन उत्पादों में युवाओं के लिए आकर्षक स्वादों का उपयोग (जैसे चेरी, बबल गम और कैंडी ) जो युवा लोगों को उनका उपयोग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है। ऐसे मे व्यापक स्तर पर कार्यशाला आयोजित करके लोगों को दिग्भ्रमित होने से बचाने का प्रयास करना कि यह आकर्षण आपको अंधेरे में धकेल सकता है।
• आकर्षक डिजाइन किए हुए भ्रामक उत्पाद, जिन्हें ले जाना भी आसान होता है (पेन ड्राइव के आकार के या अन्य आकर्षक आकार के उत्पाद)। इसलिए तंबाकू के लत के लिए नवाचार है तो रोकने के लिए छोटी-छोटी विडियो फिल्म सोशल मीडिया मंच के प्रयोग से दिखाया जायेगा ।
• अक्सर इस प्रकार के उद्योग तंबाकू और निकोटीन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सेलिब्रिटी और प्रभावित करने वाली ब्रांड प्रायोजित प्रतियोगिता करवाती है तो ऐसे में हम लोग स्वास्थ्यवर्धक नुक्कड नाटक, सेमिनार, गीत संगीत इत्यादि के माध्यम से प्रचार करे कि तंबाकू निषेध ही सर…