पति ने छोड़ा साथ तो महिला अपनी बेटी को डाक्टर बनाने के लिए चला रही है ई रिक्शा
जौनपुर,संकल्प सवेरा । अपनी बेटी को डाक्टर बनाने के लिए एक महिला नगर की सड़कों पर ई रिक्शा चलाने का काम कर रही है। समाज के लोकलाज से कोसो दूर पूरे मजबूत इरादों के साथ अपनी बेटे के सपनो को पंख लगाने के लिए यह महिला हाड़तोड़ मेहनत कर रही है। उसकी मेहनत देखकर हट्टे कट्टे नवजवान भी उसकी तारीफ करते नही थक रहे । इस महिला को ई रिक्शा चलाने के लिए उसके पति से मिले धोखे ने मजबूर किया है, बेटी पैदा होने के कुछ दिन बाद उसके पति ने माँ बेटी को छोड़ दिया।
“कोमल है तू कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है ” इस नगमे को चरितार्थ कर रही है नगर की सड़कों पर ई रिक्शा चलाने वाली गायत्री नामक एक महिला।
अयोध्या की रहने वाली गायत्री का जन्म मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था। भोपाल से ही गायत्री पढ़ाई कर ग्रेजुएट हुई। गायत्री की भी शादी बड़े धूम धाम से हुई थी लेकिन बेटी पैदा होने के कुछ दिन बाद पति ने गायत्री को छोड़ दिया।
बेटी को पढ़ाने के लिए गायत्री ने मॉल से लेकर कई एजेंसियों में काम किया । गायत्री बताती है कि उन जगहों पर शोषण ज्यादा होता था और पैसे महज 7 हजार मिलते थे इस लिए गायत्री ने वो काम छोड़ दिया।
गायत्री ने अपनी बेटी को पढ़ने के लिए अपनी बहन के घर जौनपुर के नगर वाजिदपुर दक्षिणी मोहल्ले में भेजा था । बहन और जीजा ने गायत्री को सलाह दिया कि क्यो न तुम ड्राइविंग सीखो और ई रिक्शा चला कर पैसे कमाओ।
गायत्री ने बहन और जीजा की मदद से न सिर्फ ई रिक्शा चलाना सीखा बल्कि 300 रुपए प्रतिदिन के किराए पर ई रिक्शा लेकर आज सड़को पर फर्राटे से सवारी ढोती नजर आ रही है।
अभी गायत्री के लिए ये शहर नया है ,यहां की गलियां नई है इस लिए गायत्री की बहन भी प्रतिदिन गायत्री के साथ ई रिक्शे पर जाती है जिससे उसे रास्ता बता स�