“मुझे सूली पर चढ़ाने की जरूरत क्या है कलम छीन लो मैं यूं ही मर जाऊंगा” यह पंक्तियां दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार,साहित्यकार पंडित चंद्रेश मिश्र को याद करते हुए बीजेपी नेता कृपाशंकर सिंह जी ने कहीं। इन लाइनों को पंडित जी ने वर्षों पूर्व स्वर्गीय कमला सिंह जी के आवास पर पत्रकारों के महत्ता के संबंध में कही थी।
गौरतलब है हिंदी के जाने माने लेखक,वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षक पंडित चंद्रेश मिश्र जी(93) का शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे हुसैनाबाद स्थित आवास पर निधन हो गया। निधन से शोक की लहर व्याप्त हो गयी। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि जेष्ठ पुत्र अशोक कुमार मिश्र ने दी।
पं.चन्द्रेश मिश्र ने राज इंटर कालेज में अध्यापन किया और 1988 में सेवा निवृत्त हुए। अध्यापन के दौरान एक समाचार पत्र से जुड़ गए थे। पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। शुक्रवार को निधन के बाद परिवार और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर छा गई।
शोक सभा में कृपाशंकर जी ने पंडित चंद्रेश मिश्र को याद करते हुए कहा कि”वह एक लेखक, साहित्यकार, एवं लोकप्रिय व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। पत्रकारों के प्रति उनका स्नेह अनोखा था। इस दुःख के अवसर पर पूरे परिवार के प्रति उन्होंने संवेदना व्यक्त की।इस अवसर पर प्रदेश बीजेपी मीडिया पैनललिस्ट श्री ओम प्रकाश सिंह जी,जौनपुर पत्रकार संघ के कोषाध्यक्ष श्री रामदयाल द्विवेदी जी,पत्रकार के उपाध्यक्ष श्री लोलारक दुबे जी,श्यामराज सिंह जी,श्री प्रेमचंद विश्वकर्मा जी,श्री इंदु