लखनऊ,संकल्प सवेरा उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण बेकाबू हो रहा है. जबकि पिछले 24 घंटे में 18,021 नए मामले सामने से तो हड़कंप मच गया है. यह यूपी में अब तक एक दिन में आए कोरोना मामलों का नया रिकॉर्ड है. यही नहीं, कोरोना की बढ़ती रफ्तार से लगातार मंत्री, विधायक और अधिकारी संक्रमित हो रहे हैं. इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते यूपी के सात जिलों के अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद करने का ऐलान कर दिया गया है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा शामिल हैं.
यूपी के उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन के मुताबिक, इस समय राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 81,576 है. जबकि लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा और वाराणसी की हालत बहुत खराब है. बता दें कि अप्रैल की शुरुआत में यूपी के 23 जिलों में 100 से अधिक एक्टिव केस थे और अब इसकी जद में 75 में से 72 जिले आ गए हैं. यही नहीं, इसमें से 14 जिलों में तो 1000 से अधिक एक्टिव केस हैं. बता दें कि यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन का काम भी पूरी मुस्तैदी से चल रहा है और अब तक 75,76,365 लोगों को कोरोना की पहली डोज दी जा चुकी है. वहीं, कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वाले लोगों की संख्या 12,70,243 है.
अब मरीजों को केवल मिलेगी टेलीमेडिसिन की सुविधा
वाराणसी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में सामान्य ओपीडी बंद कर दी गई है. अब मरीजों को केवल टेलीमेडिसिन की सुविधा ही मिल पाएगी. इलेक्टिव ओटी यानी सामान्य ऑपरेशन थिएटर को भी अब बंद कर दिया गया है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डॉक्टर भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं, जिसकी वजह से चिकित्सा अधीक्षक को यह फैसला लेना पड़ा है. ऐसा ही हाल अन्य जिलों का भी है.