ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की ओर से रणनीतिक तौर पर समर्थन मिलने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की गड़वाल विजयलक्ष्मी को गुरुवार को ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) का नया मेयर चुन लिया गया। जीएचएमसी के बंजारा हिल्स डिविजन को रिप्रेजेंट करने वालीं विजयलक्षमी टीआरएस नेता केशव राव की बेटी हैं। उन्होंने बीजेपी की उम्मीदवार और आरके पुरम डिविजन से कॉरपोरेटर राधा धीरज रेड्डी को पराजित किया। विजयलक्ष्मी साल 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद जीएचएमसी की पहली महिला मेयर हैं और 2009 में जीएचएमसी के गठन के बाद कुर्सी पर कब्जा जमाने वालीं दूसरी महिला हैं। पहली कांग्रेस की बांदा कार्तिका रेड्डी हैं। वहीं, तरनाका डिविजन के एक और टीआरएस कॉरपोरेटर मोहित श्रीलता रेड्डी को जीएचएमसी का डिप्टी मेयर चुना गया। उन्होंने बीजेपी के शंकर यादव को हराया।
टीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विजयलक्ष्मी और श्रीलता, दोनों के नामों को अंतिम रूप दिया और एक सीलबंद लिफाफे में पार्टी को भेज दिया। टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने जीएचएमसी परिसर में नवनिर्वाचित नामों की घोषणा की। पहले मेयर पद के लिए सबसे आगे चलने वालीं खैरताबाद से टीआरएस की कॉरपोरेटर पी विजयलक्ष्मी विरोध में बैठक से बाहर चली गईं। उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। जीएचएमसी के एक दिसंबर को चुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी और टीआरएस के बीच में काफी करीबी मुकाबला देखा गया था। टीआरएस ने 150 सदस्यों वाले जीएचएमसी काउंसिल में से सिर्फ 56 सीटें जीती थीं। पार्टी बहुमत के आंकड़े से 20 सीटें पीछे रह गई थी। वहीं, बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी और उसे 48 सीटें मिलीं। उसके एक कॉरपोरेटर की पिछले महीने कोरोना वायरस के चलते मौत हो गई। एआईएमआईएम को 44 सीटें मिलीं। पिछले चुनाव में भी उसे इतनी ही सीटें मिली थीं। कांग्रेस सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी।
टीआरएस बहुमत की संख्या से 20 सीटें कम थी, लेकिन पार्टी के सांसदों, विधायकों और एमएलसी सहित 38 सह-विकल्प सदस्यों की मदद से मेयर और डिप्टी मेयर पद जीतने की उसे उम्मीद थी, जिन्होंने जीएचएमसी में अपना वोट दिया था। बीजेपी के केवल दो सह-विकल्प सदस्य हैं और इसलिए मेयर और डिप्टी मेयर पदों को जीतने की संभावना बहुत कम थी। दिलचस्प बात यह है कि एआईएमआईएम, जिसके पास 44 सीटें और 10 सह-विकल्प वोट हैं, ने घोषणा की कि वह दोनों पदों के लिए अपने उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारेगी, जिससे कॉन्टैस्ट काफी दिलचस्प हो गया था।
सह-विकल्प सदस्यों को शामिल करते हुए, गुरुवार को वोटिंग में हिस्सा लेने वाले सदस्यों की कुल संख्या 193 थी और शीर्ष पदों को पाने के लिए टीआरएस को 97 वोटों की जरूरत थी। हालांकि, उसके पास इसमें से सिर्फ 88 वोट्स ही थे। 56 निर्वाचित कॉरपोरेटर्स और 32 सह-विकल्प सदस्य। हालांकि, दोपहर 12:30 बजे हुए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव से चंद समय पहले एआईएमआईएम ने ऐलान किया कि वह टीआरएस को समर्थन देते हुए अपने उम्मीदवारों को वापस लेती है। यह बीजेपी के लिए एक तरीके का झटका ही था। ओवैसी की पार्टी के इस फैसले के बाद, टीआरएस के पास 100 वोट्स (टीआरएस के 56 और एआईएमआईएम के 44) हो गए, जिससे उसकी झोली में मेयर और डिप्टी मेयर दोनों का पद आराम से आ गया। सदस्यों ने चार अलग-अलग भाषाओं- तेलुगु, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में शपथ ली।
मेयर के रूप में अपने चुनाव पर खुशी जताते हुए विजयलक्ष्मी ने केसीआर और केटीआर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एक महिला मेयर के रूप में, मेरी पहली प्राथमिकता शहर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, हैदराबाद को एक वैश्विक शहर के रूप में विकसित करना है। वहीं, हैदराबाद के बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने कहा कि टीआरएस ने एआईएमआईएम का समर्थन लेकर अपनी कब्र खोद ली है। उन्होंने कहा कि यह हैदराबाद के लोगों के साथ विश्वासघात के अलावा और कुछ नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव में उसे इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।