नई दिल्ली, एजेंसी। 21 जनवरी के दिन कई अहम घटनाएं इतिहास में दर्ज हैं। भारत के इतिहास में आज का दिन इसलिए भी बड़ा है, क्योंकि आज के ही दिन 1972 में तीन नए राज्यों को दर्जा प्राप्त हुआ था। इस दिन मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के रूप में तीन राज्यों का उदय हुआ था। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को अलग राज्य बने आज पूरे 49 साल हो गए हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को 21 जनवरी 1972 को अलग राज्य का दर्जा दे दिया गया था। इस मौके पर राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीनों राज्यों के लोगों को बधाई दी है।
-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘राज्य दिवस पर मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के अद्भुत लोगों को बधाई। प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति के साथ धन्य, ये राज्य आकर्षक हैं। वे विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। मेरी तरफ से शुभकामनाएं।’
पीएम मोदी ने तीन ट्वीट किए। उनके पहले ट्वीट में कहा गया, ‘मणिपुर के लोगों को राज्य दिवस की बधाई। भारत को मणिपुर के राष्ट्रीय विकास में योगदान पर गर्व है। मणिपुर नवाचार और खेल प्रतिभा का एक पावरहाउस है। मैं राज्य को प्रगति की दिशा में अपनी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’
-पीएम मोदी ने अपने अगले ट्वीट में कहा, ‘त्रिपुरा के लोगों को उनके राज्य दिवस के विशेष अवसर पर शुभकामनाएं। त्रिपुरा के लोगों की संस्कृति और गर्मजोशी प्रकृति की पूरे भारत में प्रशंसा की जाती है। राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रगति हासिल की है। ऐसी भावना कायम रहे।’
-मेघालय की बहनों और भाइयों को उनके राज्य दिवस पर, मेरी ओर से शुभकामनाएं। यह राज्य अपनी उल्लेखनीय दयालुता और भाईचारे की भावना के लिए जाना जाता है। मेघालय के युवा रचनात्मक और उद्यमी हैं। आने वाले समय में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
एक नजर आज के अन्य इतिहास पर
मूल रचना के कानूनी अधिकार के लिए लागू किया गया था कॉपीराइट अधिनियम
-आज ही के दिन 1958 में कॉपीराइट अधिनियम भारत में लागू किया गया। यह प्रदाता को तय सालों के लिए अपनी रचना (लेखन, फिल्म, संगीत इत्यादि) पर कानूनी अधिकार देता है। जिसका कॉपीराइट होता है वह अपनी रचना को बेच सकता है या किसी भी तरह से इस्तेमाल कर सकता है।
भारत ने उपग्रह प्रक्षेपण मूल्य लेने की शुरुआत की
-भारत ने आज ही के दिन 2008 में इजरायल के एक जासूसी सेटेलाइट पोलरिस को अंतरिक्ष की कक्षा में छोड़ा। इसके साथ ही इसरो ने विश्वस्तरीय मानकों के अनुसार उपग्रह प्रक्षेपण मूल्य वसूलना भी शुरू कर दिया। यह कीमत 5 हजार से लेकर 20 हजार डॉलर प्रति किलोग्राम पेलोड (उपग्रह का वजन) के हिसाब से ली जाती है।
सुशांत ने बैकअप डांसर के तौर पर की थी करियर की शुरुआत