प्रयागराज, संकल्प सवेरा । महाशिवरात्रि का पर्व गुरुवार को पड़ रहा है। भगवान शिव की साधना का यह उपयुक्त समय है। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस बार महाशिवरात्रि का पर्व विशेष योग में पड़ रहा है। ऐसे में पूजन-अर्चन और जलाभिषेक करने से भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूरी करेंगे। ज्योतिषाचार्य पूजन की विशेष विधि भी बता रहे हैं।
विधि विधान से पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होंगी : ज्योतिषाचार्य अमित
ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे ने कहा कि इस वर्ष शिवरात्रि का त्योहार विशेष योग में मनाया जा रहा है। इस दिन शिव योग लगा रहेगा और साथ ही नक्षत्र घनिष्ठा रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। इसलिए इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास मानी जा रही है। बताया कि इस बार महाशिवरात्रि की पूजा संपूर्ण विधि विधान के साथ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
महाशिवरात्रि में पूजन का विधान
शिवरात्रि के दिन प्रातः उठकर स्नानादि कर शिव मंदिर जाकर शिवलिंग का विधिवत पूजन कर नमन करें। रात्रि जागरण महाशिवरात्रि व्रत में विशेष फलदायी है।
चार प्रहर में पूजा
ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे के अनुसार महाशिवरात्रि में चार प्रहरों में चार बार अलग-अलग विधि से पूजा का प्रावधान है। महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में भगवान शिव की ईशान मूर्ति को दुग्ध द्वारा स्नान कराएं, दूसरे प्रहर में उनकी अघोर मूर्ति को दही से स्नान करवाएं और तीसरे प्रहर में घी से स्नान कराएं व चौथे प्रहर में उनकी सद्योजात मूर्ति को मधु द्वारा स्नान करवाएं। इससे भगवान आशुतोष अतिप्रसन्न होते हैं, तत्पश्चात पूर्णाहुति हवन करें। प्रातःकाल विसर्जन और व्रत की महिमा का श्रवण कर अमावस्या को निम्न प्रार्थना कर पारण करें।
यह भी करें
– महाशिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
– पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
– शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं व 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
– शिवलिंग का 101 बार जलाभिषेक करें। साथ ही ॐ हौं जूं सः। ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मुक्षीय मामृतात्। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं हौं ॐ। मंत्र का जप करते रहें। इससे बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
– महाशिवरात्रि पर नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा।
– महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं। तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है।
– अगर विवाह में अड़चन आ रही है तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिलाकर दूध चढ़ाएं। जल्दी ही विवाह हो सकता है।












