• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Tamannaah Bhatia shines in celestial blue lehenga in new video, talks about her ‘sexy’ bridal look
Advertisement
  • Home
  • Desh-Videsh
  • Uttar Pradesh
  • Purvanchal News
  • Jaunpur
  • Varanasi
  • Tamannaah Bhatia shines in celestial blue lehenga in new video, talks about her ‘sexy’ bridal look
No Result
View All Result
  • Home
  • Desh-Videsh
  • Uttar Pradesh
  • Purvanchal News
  • Jaunpur
  • Varanasi
  • Tamannaah Bhatia shines in celestial blue lehenga in new video, talks about her ‘sexy’ bridal look
No Result
View All Result
Sankalp Savera Logo
No Result
View All Result
Home Desh-Videsh

देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

The secret of Devaraha Baba ... This information will be blown away by your senses ..

Sankalp Savera by Sankalp Savera
July 24, 2025
in Desh-Videsh, Life Style
0
देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

Oplus_16908288

1.5k
VIEWS
Share on FacebookShare on TelegramShare on WhatsappShare on Twitter

देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

संकल्प सवेरा। देवरहा बाबा का जन्म अज्ञात है। यहाँ तक कि उनकी सही उम्र का आकलन भी नहीं है। वह यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले थे। मंगलवार, 19 जून सन् 1990 को योगिनी एकादशी के दिन अपना प्राण त्यागने वाले इस बाबा के जन्म के बारे में संशय है। कहा जाता है कि वह करीब 900 साल तक जिन्दा थे। (बाबा के संपूर्ण जीवन के बारे में अलग-अलग मत है, कुछ लोग उनका जीवन 250 साल तो कुछ लोग 500 साल मानते हैं.भारत के उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में एक योगी, सिद्ध महापुरुष एवं सन्तपुरुष थे देवरहा बाबा. डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, महामना मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तमदास टंडन, जैसी विभूतियों ने पूज्य देवरहा बाबा के समय-समय पर दर्शन कर अपने को कृतार्थ अनुभव किया था. पूज्य महर्षि पातंजलि द्वारा प्रतिपादित अष्टांग योग में पारंगत थे।श्रद्धालुओं के कथनानुसार बाबा अपने पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से बड़े प्रेम से मिलते थे और सबको कुछ न कुछ प्रसाद अवश्य देते थे.

प्रसाद देने के लिए बाबा अपना हाथ ऐसे ही मचान के खाली भाग में रखते थे और उनके हाथ में फल, मेवे या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ आ जाते थे जबकि मचान पर ऐसी कोई भी वस्तु नहीं रहती थी। श्रद्धालुओं को कौतुहल होता था कि आखिर यह प्रसाद बाबा के हाथ में कहाँ से और कैसे आता है. जनश्रूति के मुताबिक, वह खेचरी मुद्रा की वजह से आवागमन से कहीं भी कभी भी चले जाते थे. उनके आस-पास उगने वाले बबूल के पेड़ों में कांटे नहीं होते थे. चारों तरफ सुंगध ही सुंगध होता था।लोगों में विश्वास है कि बाबा जल पर चलते भी थे और अपने किसी भी गंतव्य स्थान पर जाने के लिए उन्होंने कभी भी सवारी नहीं की और ना ही उन्हें कभी किसी सवारी से कहीं जाते हुए देखा गया. बाबा हर साल कुंभ के समय प्रयाग आते थे। मार्कण्डेय सिंह के मुताबिक, वह किसी महिला के गर्भ से नहीं बल्कि पानी से अवतरित हुए थे. यमुना के किनारे वृन्दावन में वह 30 मिनट तक पानी में बिना सांस लिए रह सकते थे. उनको जानवरों की भाषा समझ में आती थी। खतरनाक जंगली जानवारों को वह पल भर में काबू कर लेते थे।

लोगों का मानना है कि बाबा को सब पता रहता था कि कब, कौन, कहाँ उनके बारे में चर्चा हुई. वह अवतारी व्यक्ति थे. उनका जीवन बहुत सरल और सौम्य था।वह फोटो कैमरे और टीवी जैसी चीजों को देख अचंभित रह जाते थे। वह उनसे अपनी फोटो लेने के लिए कहते थे, लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि उनका फोटो नहीं बनता था। वह नहीं चाहते तो रिवाल्वर से गोली नहीं चलती थी. उनका निर्जीव वस्तुओं पर नियंत्रण था। अपनी उम्र, कठिन तप और सिद्धियों के बारे में देवरहा बाबा ने कभी भी कोई चमत्कारिक दावा नहीं किया, लेकिन उनके इर्द-गिर्द हर तरह के लोगों की भीड़ ऐसी भी रही जो हमेशा उनमें चमत्कार खोजते देखी गई।अत्यंत सहज, सरल और सुलभ बाबा के सानिध्य में जैसे वृक्ष, वनस्पति भी अपने को आश्वस्त अनुभव करते रहे. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें अपने बचपन में देखा था। देश-दुनिया के महान लोग उनसे मिलने आते थे और विख्यात साधू-संतों का भी उनके आश्रम में समागम होता रहता था. उनसे जुड़ीं कई घटनाएं इस सिद्ध संत को मानवता, ज्ञान, तप और योग के लिए विख्यात बनाती हैं

। मुझे अच्छी तरह याद है और मैं वहाँ मौजूद भी था. कोई 1987 की बात होगी, जून का ही महीना था. वृंदावन में यमुना पार देवरहा बाबा का डेरा जमा हुआ था. अधिकारियों में अफरातफरी मची थी। प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बाबा के दर्शन करने आना था।प्रधानमंत्री के आगमन और यात्रा के लिए इलाके की मार्किंग कर ली गई।आला अफसरों ने हैलीपैड बनाने के लिए वहां लगे एक बबूल के पेड़ की डाल काटने के निर्देश दिए. भनक लगते ही बाबा ने एक बड़े पुलिस अफसर को बुलाया और पूछा कि पेड़ को क्यों काटना चाहते हो? अफसर ने कहा, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जरूरी है. बाबा बोले, तुम यहां अपने पीएम को लाओगे, उनकी प्रशंसा पाओगे, पीएम का नाम भी होगा कि वह साधु-संतों के पास जाता है, लेकिन इसका दंड तो बेचारे पेड़ को भुगतना पड़ेगा!

वह मुझसे इस बारे में पूछेगा तो मैं उसे क्या जवाब दूंगा? नही! यह पेड़ नहीं काटा जाएगा. अफसरों ने अपनी मजबूरी बताई कि यह दिल्ली से आए अफसरों का है, इसलिए इसे काटा ही जाएगा और फिर पूरा पेड़ तो नहीं कटना है, इसकी एक टहनी ही काटी जानी है, मगर बाबा जरा भी राजी नहीं हुए. उन्होंने कहा कि यह पेड़ होगा तुम्हारी निगाह में, मेरा तो यह सबसे पुराना साथी है, दिन रात मुझसे बतियाता है, यह पेड़ नहीं कट सकता। इस घटनाक्रम से बाकी अफसरों की दुविधा बढ़ती जा रही थी, आखिर बाबा ने ही उन्हें तसल्ली दी और कहा कि घबड़ा मत, अब पीएम का कार्यक्रम टल जाएगा, तुम्हारे पीएम का कार्यक्रम मैं कैंसिल करा देता हूं..

आश्चर्य कि दो घंटे बाद ही पीएम आफिस से रेडियोग्राम आ गया कि प्रोग्राम स्थगित हो गया है, कुछ हफ्तों बाद राजीव गांधी वहां आए, लेकिन पेड़ नहीं कटा. इसे क्या कहेंगे चमत्कार या संयोग.बाबा की शरण में आने वाले कई विशिष्ट लोग थे. उनके भक्तों में जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री , इंदिरा गांधी जैसे चर्चित नेताओं के नाम हैं. उनके पास लोग हठयोग सीखने भी जाते थे. सुपात्र देखकर वह हठयोग की दसों मुद्राएं सिखाते थे. योग विद्या पर उनका गहन ज्ञान था. ध्यान, योग, प्राणायाम, त्राटक समाधि आदि पर वह गूढ़ विवेचन करते थे..कई बड़े सिद्ध सम्मेलनों में उन्हें बुलाया जाता, तो वह संबंधित विषयों पर अपनी प्रतिभा से सबको चकित कर देते।
लोग यही सोचते कि इस बाबा ने इतना सब कब और कैसे जान लिया. ध्यान, प्रणायाम, समाधि की पद्धतियों के वह सिद्ध थे ही. धर्माचार्य, पंडित, तत्वज्ञानी, वेदांती उनसे कई तरह के संवाद करते थे. उन्होंने जीवन में लंबी लंबी साधनाएं कीं. जन कल्याण के लिए वृक्षों-वनस्पतियों के संरक्षण, पर्यावरण एवं वन्य जीवन के प्रति उनका अनुराग जग जाहिर था।

देश में आपातकाल के बाद हुए चुनावों में जब इंदिरा गांधी हार गईं तो वह भी देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गईं. उन्होंने अपने हाथ के पंजे से उन्हें आशीर्वाद दिया. वहां से वापस आने के बाद इंदिरा ने कांग्रेस का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा निर्धारित कर दिया. इसके बाद 1980 में इंदिरा के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत प्राप्त किया और वह देश की प्रधानमंत्री बनीं।वहीं, यह भी मान्यता है कि इन्दिरा गांधी आपातकाल के समय कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती से आर्शीवाद लेने गयीं थी. वहां उन्होंने अपना दाहिना हाथ उठाकर आर्शीवाद दिया और हाथ का पंजा पार्टी का चुनाव निशान बनाने को कहा। बाबा महान योगी और सिद्ध संत थे. उनके चमत्कार हज़ारों लोगों को झंकृत करते रहे. आशीर्वाद देने का उनका ढंग निराला था. मचान पर बैठे-बैठे ही अपना पैर जिसके सिर पर रख दिया, वो धन्य हो गया. पेड़-पौधे भी उनसे बात करते थे. उनके आश्रम में बबूल तो थे, मगर कांटेविहीन. यही नहीं यह खुशबू भी बिखेरते थे।

उनके दर्शनों को प्रतिदिन विशाल जनसमूह उमड़ता था. बाबा भक्तों के मन की बात भी बिना बताए जान लेते थे. उन्होंने पूरा जीवन अन्न नहीं खाया. दूध व शहद पीकर जीवन गुजार दिया. श्रीफल का रस उन्हें बहुत पसंद था।
देवरहा बाबा को खेचरी मुद्रा पर सिद्धि थी जिस कारण वे अपनी भूख और आयु पर नियंत्रण प्राप्त कर लेते थे। ख्याति इतनी कि जार्ज पंचम जब भारत आया तो अपने पूरे लाव लश्कर के साथ उनके दर्शन करने देवरिया जिले के दियारा इलाके में मइल गांव तक उनके आश्रम तक पहुंच गया. दरअसल, इंग्लैंड से रवाना होते समय उसने अपने भाई से पूछा था कि क्या वास्तव में इंडिया के साधु संत महान होते हैं। प्रिंस फिलिप ने जवाब दिया- हां, कम से कम देवरहा बाबा से जरूर मिलना. यह सन 1911 की बात है. जार्ज पंचम की यह यात्रा तब विश्वयुद्ध के मंडरा रहे माहौल के चलते भारत के लोगों को बरतानिया हुकूमत के पक्ष में करने की थी. उससे हुई बातचीत बाबा ने अपने कुछ शिष्यों को बतायी भी थी, लेकिन कोई भी उस बारे में बातचीत करने को आज भी तैयार नहीं।

डाक्टर राजेंद्र प्रसाद तब रहे होंगे कोई दो-तीन साल के, जब अपने माता-पिता के साथ वे बाबा के यहां गये थे. बाबा देखते ही बोल पड़े-यह बच्चा तो राजा बनेगा. बाद में राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने बाबा को एक पत्र लिखकर कृतज्ञता प्रकट की और सन 54 के प्रयाग कुंभ में बाकायदा बाबा का सार्वजनिक पूजन भी किया। बाबा देवरहा 30 मिनट तक पानी में बिना सांस लिए रह सकते थे. उनको जानवरों की भाषा समझ में आती थी. खतरनाक जंगली जानवरों को वह पल भर में काबू कर लेते थे. उनके भक्त उन्हें दया का महासमुंदर बताते हैं. और अपनी यह सम्पत्ति बाबा ने मुक्त हस्तज लुटाई. जो भी आया, बाबा की भरपूर दया लेकर गया. वितरण में कोई विभेद नहीं. वर्षाजल की भांति बाबा का आशीर्वाद सब पर बरसा और खूब बरसा. मान्यता थी कि बाबा का आशीर्वाद हर मर्ज की दवाई है। कहा जाता है कि बाबा देखते ही समझ जाते थे कि सामने वाले का सवाल क्या है. दिव्यदृष्ठि के साथ तेज नजर, कड़क आवाज, दिल खोल कर हंसना, खूब बतियाना बाबा की आदत थी. याददाश्त इतनी कि दशकों बाद भी मिले व्यक्ति को पहचान लेते और उसके दादा-परदादा तक का नाम व इतिहास तक बता देते, किसी तेज कम्प्युटर की तरह। हां, बलिष्ठ कदकाठी भी थी. लेकिन देह त्याहगने के समय तक वे कमर से आधा झुक कर चलने लगे थे. उनका पूरा जीवन मचान में ही बीता. लकडी के चार खंभों पर टिकी मचान ही उनका महल था, जहां नीचे से ही लोग उनके दर्शन करते थे. मइल में वे साल में आठ महीना बिताते थे

..कुछ दिन बनारस के रामनगर में गंगा के बीच, माघ में प्रयाग, फागुन में मथुरा के मठ के अलावा वे कुछ समय हिमालय में एकांतवास भी करते थे। खुद कभी कुछ नहीं खाया, लेकिन भक्तनगण जो कुछ भी लेकर पहुंचे, उसे भक्तों पर ही बरसा दिया।

उनका बताशा-मखाना हासिल करने के लिए सैकडों लोगों की भीड हर जगह जुटती थी. और फिर अचानक ११ जून १९९० को उन्होंने दर्शन देना बंद कर दिया। लगा जैसे कुछ अनहोनी होने वाली है. मौसम तक का मिजाज बदल गया. यमुना की लहरें तक बेचैन होने लगीं. मचान पर बाबा त्रिबंध सिद्धासन पर बैठे ही रहे. डॉक्टरों की टीम ने थर्मामीटर पर देखा कि पारा अंतिम सीमा को तोड निकलने पर आमादा है.१९ तारीख को मंगलवार के दिन योगिनी एकादशी थी।
आकाश में काले बादल छा गये, तेज आंधियां तूफान ले आयीं. यमुना जैसे समुंदर को मात करने पर उतावली थी. लहरों का उछाल बाबा की मचान तक पहुंचने लगा।  और इन्हीं सबके बीच शाम चार बजे बाबा का शरीर स्पंदनरहित हो गया…. स्टोरी सोसल मीडिया से लिया गया है?

भारत वर्ष के महान संत देवरहा बाबा जी को कोटि कोटि प्रणाम…🙏🕉️✨🌸

Previous Post

कागजों पर बनी सड़क मौके से नदारत”, विधायक ने प्रमुख सचिव क़ो लिखा पत्र

Next Post

एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

Sankalp Savera

Sankalp Savera

Next Post
एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

एक वृक्ष मां के नाम ' लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

July 25, 2025
देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

July 24, 2025
कागजों पर बनी सड़क मौके से नदारत”, विधायक ने प्रमुख सचिव क़ो लिखा पत्र

कागजों पर बनी सड़क मौके से नदारत”, विधायक ने प्रमुख सचिव क़ो लिखा पत्र

July 23, 2025
सपा के शासन में प्रदेश में करीब 800 दंगे हुए थे:ओम प्रकाश राजभर

पत्नी ने मुंबई में प्रेमी के साथ पति की हत्याकर कमरे में खुदाई कर शव को कराया दफन

July 22, 2025
  • Trending
  • Comments
  • Latest
जौनपुर भदेठी कांड : सपा नेता जावेद सिद्दीकी पर लगा गैंगस्टर

जावेद सिद्दीकी समेत पांच आरोपियों को मिली जमानत

June 20, 2020
पूर्व मंत्री व विधायक पारस नाथ यादव का निधन

पूर्व मंत्री व विधायक पारस नाथ यादव का निधन

June 12, 2020
बकरी के दूध, पपीते के पत्ते से नही बढ़ता है प्लेटलेट्स: डॉ0 विजय नाथ मिश्रा

बकरी के दूध, पपीते के पत्ते से नही बढ़ता है प्लेटलेट्स: डॉ0 विजय नाथ मिश्रा

November 13, 2022
क्या आपके पास है 10 रुपये का 786 नंबर वाला ये नोट? तो घर बैठे कमा सकते हैं 5 लाख रुपये- जानें कैसे

क्या आपके पास है 10 रुपये का 786 नंबर वाला ये नोट? तो घर बैठे कमा सकते हैं 5 लाख रुपये- जानें कैसे

3
पूर्वाचंल विश्वविद्यालय की परीक्षाएं दो अप्रैल तक स्थगित

पीयू से संबद्ध महाविद्यालयों के बीए अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित

2
डॉ हरेंद्र सिंह MLA की तरफ से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें ।

डॉ हरेंद्र सिंह MLA की तरफ से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें ।

1
एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

July 25, 2025
देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

July 24, 2025
कागजों पर बनी सड़क मौके से नदारत”, विधायक ने प्रमुख सचिव क़ो लिखा पत्र

कागजों पर बनी सड़क मौके से नदारत”, विधायक ने प्रमुख सचिव क़ो लिखा पत्र

July 23, 2025
संकल्प सवेरा || Sankalp Savera

संकल्प सवेरा न्यूज पोर्टल अब आपके हाथो मे है। पहली बार इसे देखकर आप इसके सभी समाचार को देखना तथा पढना चाहते होंगे। जिसमे हम बाधक नही बनना चाहते। सिर्फ एक संदेश देना चाहते है कि संकल्प सवेरा न्यूज पोर्टल के हर लेख,आलेख,तथा समाचार मे अपनापन का अहसास होगा। इस भावना को जगाए रखने के लिए हम सदैव प्रयत्नशील रहेंगे।

Follow Us

Browse by Category

  • Corona Update
  • Desh-Videsh
  • Dharm
  • Jaunpur
  • kavita sangrah
  • Life Style
  • Purvanchal News
  • Recruitment
  • Uncategorized
  • Uttar Pradesh
  • Varanasi
  • Videos

Recent News

एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

एक वृक्ष मां के नाम ‘ लगाकर देखभाल करने की लिया शपथ

July 25, 2025
देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

July 24, 2025
  • Home
  • Desh-Videsh
  • Uttar Pradesh
  • Purvanchal News
  • Jaunpur
  • Varanasi
  • Tamannaah Bhatia shines in celestial blue lehenga in new video, talks about her ‘sexy’ bridal look

© 2020 Sankalp Savera - Hindi News Portal Designed by Digital Karigar.

No Result
View All Result
  • Home
  • Desh-Videsh
  • Uttar Pradesh
  • Purvanchal News
  • Jaunpur
  • Varanasi
  • Tamannaah Bhatia shines in celestial blue lehenga in new video, talks about her ‘sexy’ bridal look

© 2020 Sankalp Savera - Hindi News Portal Designed by Digital Karigar.