जौनपुर। 50 साल पहले न्यायालय में सुलह के बाद भी इतने वर्षों पुरानी नाली को अवैध ढंग से बन्द करने का मामला इस समय सूर्खियों में है, क्योंकि विपक्षी की तरफ से एक आईपीएस अधिकारी द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा है। थाना, तहसील, जिला मुख्यालय के अलावा मुख्यमंत्री तक पीड़ित द्वारा लगायी गयी गुहार इसलिये बेकार साबित हो रही है, क्योंकि विपक्षी के एक रिश्तेदार लखनऊ में आईपीएस अधिकारी हैं। पीड़ित की मानें तो उक्त आईपीएस अधिकारी द्वारा हल्का लेखपाल व सिपाही तक से बात करके अपने रिश्तेदार की मदद करते हुये पीड़ित को परेशान किया जा रहा है। उनके इस कृत्य से जहां पीड़ित और परेशान हो रहा है, वहीं मुख्यमंत्री तक की गयी शिकायत बेकार साबित हो रही है।
उक्त मामला सरपतहां थाना क्षेत्र के पट्टीनरेन्द्रपुर गांव की है जहां वर्ष 1967 में दो पट्टीदार न्यायालय में आमने-सामने हो गये जिसके बाद वर्ष 1973 में दोनों में सुलह हो गया। इसके बाद सब कुछ ठीक था कि पिछले वर्ष 2019 में विपक्षी द्वारा 50 वर्ष पुरानी नाली को जबर्दस्ती बन्द कर दिया गया। इतना ही नहीं, विपक्षी की जर्जर होकर गिर चुकी दीवार के मलबे को नहीं हटाया जा रहा है जिसके चलते आवागमन भी बाधित हो रही है। हद तो तब हो गयी जब सरपतहां थाना, क्षेत्राधिकारी शाहगंज, उपजिलाधिकारी शाहगंज, पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी के अलावा मुख्यमंत्री तक लगायी गयी गुहार के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
पीड़ित के अनुसार विपक्षी के एक रिश्तेदार लखनऊ में आईपीएस अधिकारी हैं जो वहीं से दूरभाष के माध्यम से लेखपाल व सिपाही से वार्ता करके विपक्षी की मदद करते हुये पीड़ित को परेशान कर रहे हैं। हताश व निराश होकर पीड़ित ने एक बार फिर जिलाधिकारी से मिलकर अपनी पीड़ा सुनाते हुये विपक्षी से राहत पहुंचाने की मांग किया है। फिलहाल देखना है कि जिलाधिकारी मदद करेंगे या हमेशा की तरह एक बार फिर पीड़ित की गुहार बेकार साबित होगी।