रिपोर्ट आकाश मिश्र
सिकरारा,संकल्प सवेरा जिले के नोडल अधिकारी सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग गौरीशंकर प्रियदर्शी ने गुरुवार को शेरवां गांव के बघौरा में बने अटल मनरेगा पार्क में चौपाल लगाकर गांव में हुए विकास के योजनाओं की हकीकत जानी। इस दौरान ग्रामीणों ने उनके सामने समस्याओं का अंबार लगा दिया। सम्बन्धित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समस्याओं को अविलंब दूर करने का निर्देश दिया। दिन में लगभग 11 बजे पार्क में पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले गांव की गर्भधात्री महिलाओं की गोद भराई कर नवजात शिशुओं को अन्न प्रासन कराया। मौके पर मौजूद विभागों की समीक्षा शुरू किया। बिजली विभाग के एसडीओ रोहित कुमार ने गांव में सौभाग्य योजना के तहत कराये गए विद्युतीकरण के बारे में बताया कि गांव के दो मजरों का कार्य अवशेष रह गया है जिसे तीसरे चरण में पूरा कराया जाएगा। इसपर उन्होंने जब दूसरे चरण में हो सकता था तो तीसरे चरण के लिए क्यो छोड़ दिया। विभाग के उच्चाधिकारियों को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया। गांव के सचिव अमित सिंह ने बताया कि गांव में 17 लाख 80 हजार धन आवंटित हुआ था जिससे गांव में सम्पर्क मार्ग, शौचालय, कायाकल्प, रीबोर आदि कार्यो पर लगभग 12 लाख से अधिक धन खर्च हुआ। उसी दौरान गांव के बघौरा दलित बस्ती की रंजू देवी, पूजा देवी व शेरवां प्रजापति बस्ती की सुदामा देवी व अन्य लोगो ने बताया कि न शौचालय, जलनिकासी है न आवास है और न ही गांव में आने जाने का रास्ता है। इन समस्याओं को सुलझाने हेतु ग्राम सचिव से पूछा तो उन्होंने बेस लाइन का हवाला दिया।
उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि बेस लाइन का ड्रामा बन्द करो, धन की कमी नही है कम पड़े तो मनरेगा से लेकर एक सप्ताह के अंदर कार्यशुरू कर समस्याओं का समाधान करे। समीक्षा के दौरान गांव के किसानों ने बताया कि गांव में निराश्रित गोबंश द्वारा फसलों को बर्बाद किया जा रहा है जिसकी कोई ब्यवस्था नही है। उसपर तहसीलदार ने सफाई दिया कि गांव चकबन्दी में है। उन्होंने चकबंदी सीओ व लेखपाल से पूछा कब से चकबंदी चल रही है। लेखपाल ने बताया कि वर्ष1992 से गांव में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। इस जबाब पर सचिव नाराज हो गए। बोले 28 साल हो गया अभी तक चकबंदी प्रक्रिया क्यो नही हो पाई। एसीओ ने बताया अभिलेख फ़टे है। सचिव ने।कहा कि एक की जगह 10 लेखपाल को लगाकर काम पूरा कराये। कहा कि राजस्व विभाग से मिलकर निराश्रित गोंनशो को पकड़वाकर गोशालाओं में पहुंचाए। इसके साथ ही अन्य विभागों से भी क्रमवार जानकारी लेते हुए समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया।












