गुमनामी के अंधेरे मे खो गया नगर का इकलौता अमर शहीद प्रयागराम साहू —–
शहीद प्रयागराम साहू के आवास पर बनती थी आन्दोलन की रणनीत—–
संकल्प सवेरा मुंगराबादशाहपुर जौनपुर भारत छोड़ो आन्दोलन १९४२ की आजादी की लड़ाई में नगर का इकलौता अमर शहीद प्रयागराम साहू गुमनामी के अंधेरे मे खो गया। मुगरा बादशाहपुर नगर का इकलौता अमर शहीद का गौरव हासिल करने वाले स्व०प्रयागराम साहू का नाम विकास खण्ड मुगरा बादशाहपुर के शहीद स्तम्भ तक ही सीमित होकर रह गया।
नगर स्थित मुहल्ला गुड़हाई प्रयागराम साहू का आवास स्वतंत्रा की लडा़ई का प्रमुख केन्द्र था। जहॉ आजादी के दिवाने काग्रेस भवन के नाम से विख्यात प्रयागराम साहू के आवास पर आन्दोलन की रणनीत बनाते थे । ब्रिटिश हुकूमत़ को जब इस बात की भनक लगी कि यही से आन्दोलन का संचालन एंव रणनीत बनाई जाती है, तब फिरंगियो ने इस भवन को आग के हवाले कर दिया । प्रयागराम साहू का आवास जलकर राख हो गया।|इतना ही नही फिरंगियो के सिपाहियो ने अमर शहीद प्रयागराम साहू की बन्दूक के कुन्दो से जमकर पिटाई की और जिलाकारागार मे बन्द कर दिया। ४सितम्बर १९४२ को इस अमर शहीद को यू/एस ३९५,३२५ आईपीसी के तहत जेल मे निरूद्ध कर दिया गया। जेल मे भी प्रताड़ित किये जाते रहे, अंग्रेजी हुकूमत की प्रताणना से पीणित प्रयागराम साहू १७ मार्च १९४३को हमेशा के लिये शहीद हो गये ।
ब्रिटिश हुकूमत ने इस अमर शहीद के परिजनो को शव सौपने के बजाय जौनपुर के रामघाट पर ही अंतिम सस्कार कर दिया। ब्रिटिश हुकूमत को यह डर था कि अमर शहीद प्रयागराम साहू का शव यदि मुँगरा बादशाहपुर गया तो वहाँ आन्दोलन और तेज हो जाएगा। अमर शहीद के परिजन अपने परिवार के मुखिया का अंतिम दरशन करने से वंचित रह गये। इसके बाद भी अमर शहीद प्रयागराम साहू के परिजनो पर अंग्रेजी सरकार द्रारा जुल्म ढाये जाते रहे।
अमर शहीद प्रयागराम साहू के आवास काग्रेस भवन मे पं०केशव देव मालवीय ,पं०मोतीलाल नेहरू सहित काग्रेस के अनेक महत्वपूण नेताओ का आना जाना था |