संगीत का फलक छूना विदुषी का सपना——
संकल्प सवेरा,जौनपुर।मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है?
हौसला हो तो फासला क्या है। उपरोक्त पंक्तियों को चरितार्थ कर रही है जिले की प्रतिभाशाली बाल गायिका विदुषी वर्मा।
कलाकार होना मनुष्य के लिए सौभाग्य है। जीवन रस में डूबकर जब कोई मनुष्य रचता है तो उसका आनंद उसके इर्द- गिर्द के लोगों को भी मिलता है। जनपद के त्रिलोचन महादेव की निवासिनी एक ऐसी ही प्रतिभाशाली बाल गायिका हैं विदुषी वर्मा, जिनकी सुरों का जादू लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
विदुषी ने केवल 4 साल की उम्र में गायन शुरु कर दिया था। जैसे पूत के पांव पालने में नजर आते हैं, वैसे ही विदुषी की प्रतिभा शुरुआती जीवन में दिखाई देने लगी थी। विदुषी अपने स्कूल में आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेती और उत्कृष्ट प्रदर्शन करती। विदुषी की माता सुमन देवी एवं पिता विनय वर्मा ने विदुषी के इस विलक्षण प्रतिभा को पहचाना और प्रोत्साहित किया। इसी का नतीजा है कि आज विदुषी एक चमकते सितारे की तरह गायन के आकाश में टिमटिमा रही है।
यह विदुषी का जुनून और लगन ही था कि जी टीवी पर प्रसारित होने वाले सारेगामा लिटिल चैंप्स और सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले सिंगर सुपर स्टार में ग्रामीण परिवेश से निकलकर मुंबई तक का सफर तय किया। इसके अलावा विदुषी ने अनेक प्रतिष्ठित मंचो पर अपनी कला की बानगी प्रस्तुत की। जिस प्रकार से विदुषी ने अपनी शिक्षा और गायन में समन्वय स्थापित किया है, वह प्रशंसा के योग्य है।
विदुषी ने संगीत की आरंभिक शिक्षा सुविख्यात गायिका सुचरिता गुप्ता से प्राप्त किया।
विदुषी ने बहुत कम समय में जो सीखा है और जो मंच पर प्रदर्शित किया है, वह बेमिसाल है। विदुषी ने तमाम मंचों पर प्रस्तुति देने के साथ ही साथ अनेक भजन भी रिकॉर्डिंग किया जिनमें राम नाम का अमृत पी ले ,हे गणेश देवा ,गंगा बहती जाए सबसे कहती जाए , महादेवा, हे जग जननी संकट हरनी, जय-जय यशोदा के लाला , रघुनंदन दरबार समेत अनेक भजन यूट्यूब पर उपलब्ध है। विदुषी को उसकी कला के लिए मालिनी अवस्थी, अनूप जलोटा, पंडित छन्नूलाल मिश्र, पंडित राजेश्वर आचार्य, पंडित पूरन महाराज, पंडित विकास महाराज, कंकना बनर्जी व कौशिकी चक्रवर्ती व कबीर गायक मूरालाल मारवाड़ा जैसे देश के जाने माने मूर्धन्य कलाकारों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ । वर्तमान में विदुषी गायन का शिक्षा प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित देवाशीष दे से ग्रहण कर रही है। विदुषी को उसकी गायन प्रतिभा की बदौलत काशी गौरव रत्न, काशी प्रतिभा सम्मान, कांति -धात्री सम्मान, कल्कि गौरव सम्मान, कार्निवाल गोल्डन स्टार राइजिंग फीदर अवार्ड, काशी आइकॉन अवार्ड, अथ भक्ति सम्मान, उत्तर प्रदेश गौरव रत्न ,पूर्वांचल गौरव रत्न समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हुई। हाल ही में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ द्वारा आयोजित प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता में विदुषी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विदुषी वर्तमान में सनबीम इंग्लिश स्कूल भगवानपुर के कक्षा दसवीं की छात्रा है। विदुषी लता मंगेशकर, किशोरी अमोनकर व कौशिकी चक्रवर्ती को अपना आदर्श मानती है।