अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने के लिए बरतें सक्रियता
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने विभिन्न विभागों को पत्र भेजकर दिए निर्देश
जौनपुर, संकल्प सवेरा। अक्षय तृतीया (14 मई) पर होने वाले बाल विवाह पर रोक के लिए जिले में सक्रियता बढ़ाई गयी है | इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने विभिन्न विभागों के जिम्मेदारों को पत्र जारी कर दिशा निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो कि जनपद में हर साल अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की घटनाएं सामने आती रहीं हैं |
जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास एवं पुष्टाहार) के माध्यम से बाल विकास परियोजना अधिकारियों, समस्त थानाध्यक्ष जनपद जौनपुर को प्रभारी विशेष किशोर पुलिस यूनिट के माध्यम से, पाथ चाइल्ड लाइन संस्था के समन्वयक को पत्र भेजकर अक्षय तृतीया के दिन 14 मई को बाल विवाह रोकने के लिए विशेष प्रबंध किए जाने की बात कही है।
उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को संबोधित प्रदेश के महिला कल्याण के निदेशक के पत्र का हवाला दिया है। उन्होंने बताया है कि इस पत्र के माध्यम से बाल विवाह रोकने की अपेक्षा की गई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने सभी से अनुरोध किया है कि अक्षय तृतीया के दिन होने वाले बाल विवाह के बारे में अविलंब चाइल्ड लाइन (1098) तथा नजदीकी थाने को मामले की जानकारी दी जाए। साथ ही इस मामले में हुई कार्रवाई से 15 मई तक उन्हें भी अवगत कराया जाए।
उन्होंने इस पत्र का अवलोकन करने तथा आवश्यक कार्रवाई किए जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी, महिला कल्याण के निदेशक, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, अपर जिलाधिकारी (भूराजस्व/वित्त एवं राजस्व), सभी उपजिलाधिकारियों/क्षेत्राधिकारियों, जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास एवं पुष्टाहार), जिला सूचना अधिकारी, सभी खंड विकास अधिकारियों तथा जिले की सभी स्वयंसेवी संस्थाओं को भी पत्र भेजा है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि जिले के सभी गांव, तहसील, ब्लॉक और थानों को इस संबंध में सूचना दे दी गई है जिससे 14 मई या उसके बाद के दिनों में यदि कोई बाल विवाह से संबंधित मामला आता है तो उसके बारे में चाइल्ड लाइन (1098) तथा संबंधित लोगों को सूचना देकर कार्रवाई से अवगत करा सकें। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष में बाल विवाह से संबंधित पांच प्रकरण रुकवाए गए थे।