ज्यों-ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता गया
जहरीली शराब के कारोबार पर सख्ती बेअसर, बेलगाम माफिया धड़ल्ले से चला रहे धंधा, विभाग जानकर भी अंजान
जेड हुसैन “बाबू”
जौनपुर,संकल्प सवेरा । जहरीली शराब के कारोबार से अनगितन मौतों होती जा रही हैं लेकिन शराब के माफियाओं और इसके जिम्मेदार संबंधित विभाग पर आखिर कब नकेल कसी जायेगी। जब भी शराब से मौतें होती तो इसके बाद कुंभकर्णी निद्रा में सो रहे विभाग की आंख खुलती और हवा-हवाई कार्रवाई होने के बाद फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अभी ताजा मामला अलीगढ़ में देखने को मिला जहां देशी शराब के ठेके से शराब पीने के बाद अब तक 32 लोगों की मौत हो गयी है। एक बार फिर वहां का आबकारी विभाग फिर अपनी मौजूदगी दिखायेगा। एक शराबी के माफिक लडख़ड़ाते पैरो औरो जबान से वह वह अवैध शराब कारोबारियों को घुड़कता नजर आएगा।
खबर है अवैध शराब का कारोबार खत्म करने और मिलावटी शराब की बिक्री रोकने के लिए आबकारी विभाग विशेष सतर्कता अभियान चलाने जा रहा है। जैसा पहले होता रहा है। ऐसा पहले भी होता रहा है जब भी अलग-अलग जिलों में मिलावटी शराब पीने से लोगों के दम तोडऩे की खबरें आ रही हैं,इनकी ऐसी ही मुस्तैदी दिखती रही है। शासन-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद जहरीली देसी शराब के धंधे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। आबकारी विभाग घटना के बाद कार्रवाई के नाम पर कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर देता है। कुछ दिनों बाद वे बहाल भी हो जाते हैं। इससे घटनाओं पर अंकुश नहीं लग रहा है। अवैध शराब के धंधे के पीछे अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कार्य में शिथिलता बरतना प्रमुख कारण बताया जाता है।
वहीं जौनपुर में अभी कुछ दिनों पहले सरायख्वाजा थाना क्षेत्र में देशी शराब पीने से पति पत्नी की मौत हो गयी थी। मौत होने के बाद आनन-फानन में अधिकारियों से निरीक्षण कर कोरम पूरा कर लिया। अब सवाल ये उठता है कि पहले कच्ची शराब जो उतारी जाती थी उससे मौतें होती थी लेकिन अब देशी शराब के ठेके से मिलने मौतें बंट रही है। देशी शराठ को बाकयादा सरकार की तरफ से लाइसेंस प्राप्त होती है आबकारी विभाग है जो इन सब चीजों पर नजर रखता है।
अब ऐसे में अगर देशी शराब के ठेके से मिली शराब से मौत होती है तो इसका जिम्मेदार सीधे-सीधे विभाग है। सूत्रों के अनुसार संबंधित विभाग अपनी आंखें बंदकर सोता रहता है अगर समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया तो ऐसी घटनाएं कम हो सकती है लेकिन मौत होने के बाद विभाग अपना कोरम पूरा कर फिर कुंभकर्णी निद्रा में सो जाता है।