sankalp savera अक्सर फिल्मों में आपने देखा होगा कि कैसे पुलिस दुर्दांत अपराधियों को न्यायालय पहुंचने से पहले रास्ते में उड़ा देती है । शायद हमारी उत्तर प्रदेश की पुलिस इन फिल्मों की जबरदस्त फैन है , क्योंकि जो विकास दूबे खुद आत्मसमर्पण के इरादे से महाकाल मंदिर जाता है जहां सैकड़ों सी सी टी वी लगे है , एक मामूली से सिपाही के हाथो अरेस्ट होता है और फिर चिल्लाकर अपना परिचय देता है ,हां मै हूं कानपुर वाला विकास दूबे ! क्या ऐसा सीन रचने वाला गाड़ी पलटने पर भागना चाहेगा ? वाह ! क्या कहानी है और तो और हथकड़ी वाले हाथो से पिस्टल भी छीन सकता है , कैसे पुलिस वालो की भर्ती कर रखी है आपने योगी जी ? क्या गजब की ना पचने वाली कहानी ,और फिर धाय धाय ! खेल खत्म , सभी गंदे डर्टी पॉलिटिक्स के राज दफन । उसने कानून तोड़ा तुमने भी कानून तोड़ दिया ,अब बताओ गुंडागर्दी किसकी! फैसला खुद ही करना है ,तो कानून और न्ययालय की देश में क्या जरूरत ? मेरा निजी मत है कि विकास दूबे का एनकाउंटर सही है क्योंकि वो खूंखार था और हत्यारा था किन्तु मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसो की गाड़ियां क्यो नही पलटती ? इसका जवाब अब चुनाव में जनता जरूर मांगेगी ।
11 गाड़ियों के काफिले के साथ तकरीबन चार दर्जन से अधिक जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे ! हाइवे पर पलटी गाड़ी को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि गाड़ी पलटने के बाद लंगड़ा आतंकवादी विकास गाड़ी से कैसे निकलकर भागने लगेगा ?जबकि अन्य गाड़ियों में सवार पुलिसकर्मी तो उसकी सुरक्षा में चल रहे,उनकी गाड़ियां तो विकास की गाड़ी पलटने के बाद तुरन्त उसको कवर कर लिए होंगे !इस हालात में विकास किस पुलिस की हथियार कैसे छीन लिया ,ऐसे अनगिनत सवाल चर्चा में है ।
कानपुर हत्याकांड का आरोपी था विकास दूबे किन्तु उसके मौत ने कई राज पर पर्दा डाल दिया ।
मध्यप्रदेश पुलिस ने कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी और 5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया था। विकास दुबे पर आठ पुलिसवालों की हत्या करने का आरोप है। पिछले कुछ दिनों से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए हरियाणा और दिल्ली में दबिश दे रही थी। यूपी पुलिस विकास दुबे के पांच साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। वहीं कई साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। विकास दुबे के दो और साथी प्रभात मिश्रा व बउआ दुबे गुरुवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। पुलिस ने बताया कि कानपुर पुलिस टीम फरीदाबाद में गिरफ्तार विकास दुबे के खास प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी बीच रास्ते में प्रभात ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, इसी दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग भी कर दी। पुलिस ने भी गोली चलाई तो प्रभात घायल हो गया, अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं विकास का दूसरा साथी बउआ दुबे भी इटावा में मारा गया। यह जानकारी इटावा एसएसपी आकाश तोमर ने दी। पुलिस अफसरों के मुताबिक रणबीर शुक्ला ने देर रात महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे। पुलिस को लूट की जैसे ही खबर मिली चारों को सिविल लाइन थाने के काचुरा रोड पर घेर लिया। पुलिस और रणबीर शुक्ला के बीच फायरिंग शुरू हो गई। इस फायरिंग के दौरान रणबीर शुक्ला को ढेर कर दिया गया। हालांकि उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे। इटावा पुलिस ने आस-पास के जिले को अलर्ट कर दिया है। रणबीर शुक्ला पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था जबकि, एनकाउंटर में मरने वाले विकास दूबे के ऊपर पांच लाख का ईनाम था ,और उसके एक वायरल वीडियो से साफ जाहिर था कि उसका संबंध बहुजन समाज पार्टी से बहुत मजबूत था । अगर वो जीवित रह जाता और उत्तर प्रदेश पुलिस थोड़ी सी ईमानदारी दिखा जाती तो आज कई सफेदपोश नेता जेल की चक्की पीसते नजर आते ।
__ पंकज कुमार मिश्रा लेखक राजनितिक विशलेषक और स्वतंत्र पत्रकार है 8808113709