~चिट्ठी प्रधानमंत्री के नाम ~
माननीय प्रधानमंत्री जी सादर प्रणाम
संकल्प सवेरा ,जौनपुर
मैं आपको व्यक्तिगत तौर पर कुछ सुझाव दे रहा हूं मेरी सोच गलत हो सकती है इसलिए सुझाव देने के पहले माफी मांग लेता हूं, इससमय आरोप प्रत्यारोपण करना समयोचित नहीं है मेरा सुझाव निम्नलिखित हैं,
1: पूरे देश में आपातकाल घोषित हो और सभी प्रकार के चुनाव स्थगित कर दिया जाए,
2: स्वास्थ सेवा सेना के हवाले कर दिया जाए क्योकि 24 घंटे में ही हमारी बहादुर सेना पूरे देश में सभी प्राण रक्षक संसाधनों से लैस करके लाखों हॉस्पिटल करोड़ों बेड के साथ तैयार कर देगी,
3:आंतरिक सुरक्षा भी सेना के हवाले कर दिया जाए यदि भविष्य में महामारी इसी तरह से बढ़ती रहेगी और लोग अपनों को अपने सामने ही सरकारी लापरवाही की वजह से मरते हुए देखेंगे तो संभावना है कि जनता बगावत न कर बैठें और चारों तरफ लूटपाट और खूनी संघर्ष न पैदा हो जाए,
दवाओं और खाने पीने की चीजों के लिए लूटपाट मच सकती है गुस्से में लोग आगजनी कर सकते हैं,
4: तत्काल औद्योगिक क्षेत्रों को ऑक्सीजन की सप्लाई 50% रोककर अस्पतालों को आपूर्ति की जाए
5:भूखी गरीब जनता प्रतिदिन कमाने और खाने वालों के लिए अतिशीघ्र खाद पदार्थ मुहैया कराने का बंदोबस्त कर लिया जाए इन सभी के लिए अभी पूरी नौकरशाही को लगा दिया जाए
6:शहरों से अपने घरों को जाने वाली जनता को संसाधन मुहैया कराई जाए
7: गैर जरूरी विकास कार्यों को तुरंत रोक कर उसके लिए एलोटेड पूजी को स्वास्थ विभाग को दे दिया जाए
8:सभी A और B ग्रेड के सरकारी और गैर सरकारी अधिकारियों की तनख्वाह 1 महीने की ले ली जाए
9:देश के चुनिंदा बड़े बड़े पूजिशाहो के ऊपर दबाव बनाकर जीवन रक्षक संसाधनों और बड़े बड़े हास्पिटल का निर्माण कराया जाए,
10: बैंको में जमा सभी फिक्स डिपॉजिट का एक वर्ष का ब्याज स्वस्थ सेवा पर लगा दिया जाए,
वर्तमान राष्ट्रीय संकट में राजद्रोही पूजी पतियों द्वारा आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करके कृतिम महंगाई बढ़ाई जा रही है, ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कायम करके सख्त से सख्त सजा दी जाए,
सभी देशवासियों विशेषकर सामाजिक और राष्ट्रीय संस्थानों से संबंधित सेवाओं और संगठनों को ललकारते हुए राष्ट्रीय सेवा में जुट जाने के लिए जोरदार अपील किया जाए,
विशेषता सभी छोटे बड़े विपक्षी नेताओं की आपात बैठक करते राष्ट्रीय एकता का परिचय दिया जाए ,सभी विधायक, सांसदों और मंत्रियों को दी जाने वाली सभी प्रकार की आर्थिक मदद पर तत्काल रोक लगा दिया जाए, वर्तमान निर्णय लेने की क्षमता आप में कूट-कूट कर भरी हुई है अपने साहस और दूरदर्शिता का परिचय देने का वक्त आ गया है इसमें यदि देरी होगी तो हम सभी को प्रायश्चित करना होगा,
मुझे उम्मीद है कि मेरी भावनाओं को समझते हुए इस धृस्तता के लिए मेरे माफीनामा को आप अवश्य कबूल करेंगे, सही वक्त पर सही निर्णय लेने वाला इतिहास बनाता है,
इस समय राज्य सरकारों पर भरोसा कर लेना उचित नही होगा, महामारी से निपटने के लिए उनके कंधों पर बोझ डालना समायोजित नहीं होगा,पूरी की पूरी जिम्मेदारी आपके कंधो पर है।
लेखक
वशिष्ठ नारायण सिह
समाजवादी चिंतक
जौनपुर उत्तर प्रदेश