प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम द्वारा गोष्ठी का आयोजन
‘उन्मेष’ प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम जौनपुर द्वारा चर्चा केंद्र वेव एकेडमी पर “भारतीय संस्कृति में शक्ति पूजा का महत्व” विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य वक्ता अंग्रेजी के प्रवक्ता श्री श्रद्धानन्द श्रीवास्तव जी रहे।
संकल्प सवेरा, जौनपुर। प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम जौनपुर द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को अनवरत रूप से चल रही भारतीय संस्कृति, परम्परा, सभ्यता, विचार, एवं धरोहर पर चर्चा परिचर्चा एवं गोष्ठी के आयोजन की कड़ी में दिनांक 6 अक्टूबर 2024 को ‘भारतीय संस्कृति में शक्ति पूजा का महत्व’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के साथ- साथ सभी सदस्यों ने अपने- अपने विचार साझा किए। मुख्य वक्ता श्री श्रद्धानन्द श्रीवास्तव जी ने अपने व्याख्यान में शक्ति पूजा की शुरुवात, उसके पुराणों में उनके श्रोत, सम्पूर्ण मानव जगत के लिए इसकी महत्ता एवं अन्य कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शक्ति पूजा हम बड़े ही मन से करते हैं परंतु बस कुछ पल अथवा कुछ दिनों के लिए परन्तु जो आवश्यकता है वो यह है कि हमें शक्ति को महसूस करना होगा
और शक्ति के प्रति सम्मान, उनकी पूजा एवं अर्चना को अपने व्यवहार में उतारना होगा, तब भारतीय संस्कृति को हम अपने अंदर उतार पाऐंगे; उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम के सभी कर्मठ सदस्यों द्वारा यह चर्चा परिचर्चा की शुरुवात ही इस दिशा में सकारात्मक कदम हैं। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मैथ्स के विद्वान प्रवक्ता डॉ. कीर्ति सिंह जी ने सबसे पहले युवा आयाम द्वारा चयन किये गए शीर्षक की सराहना की एवं कहा कि शक्ति की पूजा करना एवं उसकी केवल अनुभूति करना ही शक्ति पूजा के प्रति सम्मान अर्पित नहीं कर सकता; इसके साथ- साथ हमारे द्वारा महसूस की जा रही इस शक्ति की अनुभूति अन्य को अपने विचारों, व्यवहारों तथा कार्यों के माध्यम से कराना होगा तब इस अद्वितीय शक्ति का प्रभाव हमें देखने को मिलेगा।
इस कड़ी में विचार साझा करते हुए प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम काशी प्रान्त के सह संयोजक, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुँवर शेखर गुप्त ने कहा कि यह नौ दिन नवरात्रि के माध्यम से जिस शक्ति की पूजा हम करते हैं वो हमारे समाज में महिलाओं तथा पुरुषों के लिए ऊर्जा तथा प्रेरणा का स्रोत है, शक्ति की पूजा हमारे अंदर के अवसादों को हमसे दूर करता है, हमें इस भौतिकता भरे जीवन से भले ही थोड़े समय के लिए परन्तु उससे दूर कर हमारे संस्कृति एवं परंपरा से जोड़ता है, जरूरत है हमें इस आचरण एवं व्यवहार को अपने व्यक्तित्व में सदैव के लिए उतारने की। उन्होंने कहा कि युवा इस शक्ति पूजा के दिखावा न करें और इस पवित्र पूजन को अपने मनोरंजन का साधन न बनायें, वास्तविक रूप से इस शक्ति को महसूस करें एवं उसे आत्मसात करें।
प्रज्ञा प्रवाह जौनपुर (वरिष्ठ) के जिला सह संयोजक श्री उमेश चौबे जी, संगठन की दृष्टि से मछली शहर जिला के सह संयोजक श्री प्रकाश सिंह जी, श्री राजेश उपाध्याय एवं युवा आयाम के काशी प्रान्त टोली के सदस्य श्री अनिरुद्ध त्रिपाठी एवं श्री ब्रम्हयज्ञ मिश्र, तथा सदस्य विमलेश सिंह, डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ. चंद्रकेतु सिंह, प्रदीप यादव एवं अन्य ने शक्ति पूजा का भारतीय संस्कृति एवं हम मानव के जीवन में महत्व, समाज में कुंठित मानसिकता के लोगों द्वारा शक्ति पूजा के बारे में किये जा रहे तर्क-कुतर्क पर विस्तार से चर्चा परिचर्चा किया तथा विद्यार्थियों अथवा बच्चों में इस विचार एवं संस्कार को डालने पर दबाव डाला। सभी आये हुए अतिथियों एवं सदस्यों द्वारा अप्रतिम विचारों को साझा करने के लिए चर्चा केंन्द्र प्रमुख अमित पाण्डेय जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ. कुँवर शेखर गुप्त
प्रान्त सह संयोजक, काशी प्रान्त
“उन्मेष” प्रज्ञा प्रवाह युवा आयाम