जौनपुर भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण में साढ़े चार करोड़ का घोटाला, 5 पर FIR की संस्तुति
संकल्प सवेरा, जौनपुर। जौनपुर में मछलीशहर से भदोही वाया जंघई मार्ग (एनएच-135 ए – बाईपास) और वाराणसी-लखनऊ वाया जौनपुर सुल्तानपुर (एनएच-731) मार्ग के निर्माण में 46 काश्तकारों को फर्जी तरीके से 4.5 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटे जाने का बड़ा घोटाला सामने आया है। मुख्य विकास अधिकारी साई तेजा सीलम की 15 दिनों की जांच में यह घोटाला उजागर हुआ, जिसके बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड ने दोषी पाए गए पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति की है।
घोटाले में मड़ियाहूं, बदलापुर, मछलीशहर और सदर तहसील के 14 गांवों में कुल 4.5 करोड़ रुपये का गबन हुआ है। मड़ियाहूं में लगभग 1.87 करोड़, बदलापुर में 1.45 करोड़, मछलीशहर में 56 लाख, और सदर तहसील में 84 लाख रुपये की हेराफेरी की गई। 50 लाख रुपये का एक चेक भी कैश होने से पहले रद्द कराया गया।
मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) गणेश प्रसाद की लापरवाही भी जांच में सामने आई है। जिलाधिकारी ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखने की बात कही है। जांच में पाया गया कि घोटालेबाजों ने 20 लोगों के फर्जी बैंक खाते खुलवाए थे।
दोषी पाए गए कानूनगो संतोष तिवारी, संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर हिमांशु शर्मा, अनिल, बदलापुर निवासी राहुल सिंह, और प्रीतम उर्फ मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
शिकायत के बाद खुला घोटाला
यह मामला एक व्यक्ति की शिकायत पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड के निरीक्षण के बाद सामने आया। 22 अगस्त को सीएएलए कार्यालय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तीन लोगों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले की जांच की जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी थी। जांच में सीआरओ की लापरवाही भी उजागर हुई।