SANKALP SAVERA रामपुर (जौनपुर)
बेसिक शिक्षा विभाग के अनेक शिक्षकों द्वारा विद्यालय एवं विद्यार्थियों के प्रति अपने अथक परिश्रम व संघर्ष से विद्यालय में अपना विशेष योगदान दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने टाटा ट्रस्ट के सहयोग से चौबीस ऐसे ‘शिक्षकों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की ज़ुबानी” के दृष्टिगत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के ऐसे शिक्षकों को चुना गया जिन्होंने संघषों से जूझकर एक नया आयाम स्थापित कर अपने विद्यालय की पहचान अपने जनपद के साथ साथ पूरे प्रदेश में स्थापित की है उन चौबिस अध्यापकों में जनपद जौनपुर के रामनगर विकास खण्डं अंतर्गत मडियाहूं प्रथम की सहायक अध्यापिका सपना सिहं और प्रधानाध्यापक श्रीप्रकाश सिंह है जिन्होनें अपनी लेख से प्रदेश की प्रतियोगिता मे स्थान पाकर समूचे जनपद का मान बढ़ाया है।बताया जाता है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने उनके प्रयासों को सराहा एवं उन प्रयासों को लिपिबद्ध कर सभी के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु टाटा ट्रस्ट का सहयोग प्राप्त किया।टाटा ट्रस्ट ने उम्मीद के रंग नामक पुस्तक प्रकाशित कराने की ज़िम्मेदारी ली। पुस्तक प्रकाशन पर पिछले कई माह से काम चल रहा है। पुस्तक में ऐसे शिक्षकों की संघर्षकथाएँ हैं जो सरकारी विद्यालयों के अन्य शिक्षकों के लिये एक प्रेरणा का काम करेंगे, कि विषम परिस्थितियों में कैसे बेहतर काम किया जा सकता है।
इस पुस्तक के लिये प्रदेश भर से अनेक लेख आमन्त्रित किये गये थे जिनमें से चयन समिति द्वारा 24 लेख चयनित करके पुस्तक में सम्मिलित किये गये हैं।📕 उक्त पुस्तक किसी भी विद्यालय के लिये लाभकारी हो सकती है। पुस्तक शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है तथा शीघ्र ही पुस्तक का विमोचन प्रस्तावित है। वही सपना सिहं और श्रीप्रकाश के लेख का प्रदेश स्तर पर चयन होने पर जनपद के शिक्षकों द्वारा बधाई देने का तांता लगा हुआ है ।
उम्मीद के रंग”पुस्तक में बेसिक शिक्षा और टाटा ट्रस्ट द्वारा लेख चयन होने के बाद सहायक अध्यापिका सपना सिंह ने कहा कि बच्चों को अपने स्तर से ऊंचाई तक पहुंचाने में काफी संघर्ष की हूं इसी सच्ची घटना पर आधारित यह लेख है मुझे उम्मीद है इससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलेगी वही विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि कि आसपास कई इंग्लिश मीडियम विद्यालय होने के बावजूद भी वर्तमान में हमारे विद्यालय में बच्चों की संख्या कम नहीं है और सभी विद्यालयों को टक्कर दे रहा है इसके विकास के लिए मैंने तमाम संघर्ष किए हैं और अभी भी प्रयास जारी है।