जयपुर. राजधानी में रेमडेसिविर का संकट और बढ़ गया है. अब इसकी बिक्री राजस्थान सरकार ने पूरी तरह अपने हाथ में ले ली है. कोई भी इसे अब खुले बाजार से नहीं खरीद सकता. सरकार की कमेटी निजी अस्पतालों की डिमांड की सच्चाई पता करने के बाद ही अस्पतालों को रेमडेसिविर जारी करेगी. जबकि सरकारी अस्पताल में रेमडेसिविर ट्रीटिंग डॉक्टर के लिखने के बाद रोगी के परिजन को उस पर दस्तखत करने होंगे और इंजेक्शन लगने के बाद खाली वायल ड्रग स्टोर में फिर जमा करानी होगी. जिला कलक्टर अंतर सिंह नेहरा ने जिले के सभी निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया है कि रेमडेसिविर औषधि के लिए ई-मेल आईडी JDzonejaipur@yahoo.com पर आवेदन करना होगा. निर्धारित प्रक्रिया पूरी होने के बाद औषधि लेने के लिए निजी चिकित्सालयों के जो प्रतिनिधि अधिकार पत्र और आई कार्ड के साथ आएंगे उन्हें ही औषधि दी जाएगी.
जिला कलक्टर ने बताया कि निजी चिकित्सालयों को आवेदन के साथ रोग और रोगी की स्थिति की जानकारी भी देनी जरूरी है. ऑफलाइन या हार्डकॉपी पर आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि चिकित्सालय अपनी ईमेल आईडी से सुबह 11 बजे तक ही ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं. 11 बजे बाद मिलने वाले आवेदनों पर अगले दिन विचार किया जाएगा. नेहरा ने बताया कि सुबह 11 बजे तक प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों पर समिति की अनुशंसा, औषधि की उपलब्धता और उपयोगिता के आधार पर विचार-विमर्श कर उपनिदेशक चिकित्सा विभाग द्वारा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम के कार्यालय से रेमडेसिविर औषधि का वितरण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर केवल निजी चिकित्सालय के अधिकृत व्यक्ति को ही वितरित की जाएगी. रोगी के परिजन अथवा अन्य व्यक्ति को यह औषधि नहीं दी जाएगी.