जौनपुर,संकल्प सवेरा एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 लाकर धर्म के तथाकथित ठेकेदारों पर लगाम लगाने की कोशिश की थी लेकिन जनपद में उनकी सरकार के राज्यमंत्री के क्षेत्र में ही लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के धर्म परिवर्तन की खबर ने जिले में भूचाल ला दिया है।
विरासत में मिली गंगा जमुनी तहजीब को करीने से सँजोये जौनपुर में भी अब धर्म के नाम पर फूट डालने की साजिश शुरू हो गयी है।सूत्रों के हवाले से मिले समाचार पर गौर करें तो सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के पास एक गांव में एक ही परिवार के लगभग डेढ़ दर्जन लोगों ने हिन्दू धर्म को छोड़कर मुस्लिम धर्म को अपना लिया है।स्थानीय निवासियों ने बताया कि तीन से चार दिन पूर्व उक्त परिवार के घर पर धर्म विशेष के कुछ लोग आए थे जिनकी उपस्थिति में देर रात विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।धर्म परिवर्तन के संदर्भ में वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमे कुछ हिन्दू धर्म के लोग उक्त परिवार को मनाने की कोशिश कर रहे है,उक्त वीडियो धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार के घर का बताया जा रहा है जिसमे घर की बाउंड्री के अंदर ही धर्म विशेष का धार्मिक स्थल का निर्माण भी कराया गया है। सूत्रों की मानें तो उक्त धार्मिक स्थल के उदघाटन के लिए ही कार्यक्रम का आयोजन कर पूरे परिवार ने धर्म परिवर्तन कर लिया है,जिसके लिए धर्म विशेष के लोगों ने पहुंचकर धर्म परिवर्तन करवाया है।
प्रकरण की जानकारी होते ही हिन्दू धर्म के विभिन्न संगठनों के लोग उक्त परिवार के घर पहुंचकर उन्हें घर वापसी के लिए समझा रहे हैं लेकिन परिवार का कहना है कि गांव वाले उनके परिवार पर भूत प्रेत से परेशान करवाते थे जो अब नही कर पाएंगे,साथ ही गांव का प्रधान भी उनके लिए कोई मदद नही करता था जिससे परेशान होकर किया है,अब उन्हें कोई भी परेशान नही कर पायेगा।
हकीकत क्या इसके बारे बता पाना मुश्किल है किंतु सरकारी प्रयासों के बावजूद लोगो को जाति धर्म के नाम पर बेवकूफ बनाने का काम निरंतर जारी है।यक्ष प्रश्न यह है कि राज्यमंत्री का क्षेत्र होने के बाद भी इस प्रकार की घटना कैसे हो गयी जबकि गत माह ही सरकार के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वार्ड व ब्लॉक में कार्यक्रम आयोजित करके सरकार की उपलब्धियों को गिनाया गया था तथा लोगो की समस्याओं का निराकरण करने का सरकारी प्रयास हुआ था,तो क्या ये सारे प्रयास भी ऐसे परिवारों की मदद करने में लाचार साबित हुए जो इन्हें धर्म परिवर्तन का रास्ता चुनना पड़ा।