अब गायत्री देवी दूसरों का लक्ष्य पूरा करवाने को बनीं पथ प्रदर्शक
पांच आशा कार्यकर्ताओं के समूह को लेकर निकलती हैं नसबंदी की खूबियां व फायदे बताने
36 पुरुष और 04 महिला नसबंदी कराकर बनाया रिकार्ड, निर्धारित लक्ष्य से चल रहीं आगे
दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा में लक्षित दम्पति को परिवार नियोजन के बारे में समझाने की चल रही कोशिश
संकल्प सवेरा,जौनपुर। दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा के लिए आशा कार्यकर्ता से लेकर ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) तक के लिए नसबंदी करवाने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है लेकिन बरसठी के भोपतपुर की आशा गायत्री देवी को अपने लक्ष्य से ज्यादा साथ की पांच आशा कार्यकर्ताओं का लक्ष्य पूरा करवाने की जिम्मेदारी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ राकेश कुमार ने नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र की आशा, आशा संगिनी और एएनएम को अलग-अलग को दो महिला नसबंदी, एक पुरुष नसबंदी, पांच आईयूसीडी और पांच अंतरा की सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य दिया है।
इस तरह हर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को एक-एक महिला और पुरुष नसबंदी के अलावा दो आईयूसीडी और दो अंतरा इंजेक्शन की सेवाएं प्रदान कराने का लक्ष्य दिया गया है।
बरसठी के प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी) डॉ अजय सिंह बताते हैं कि भोपतपुर गांव की आशा कार्यकर्ता गायत्री देवी 36 पुरुष और 04 महिला नसबंदी करा चुकी हैं। उन्हें इसके लिए जिलाधिकारी से भी प्रशस्ति पत्र मिल चुका है। उनकी उपलब्धि के आगे यह लक्ष्य पूरा करना बहुत आसान है। इसलिए उन्हें जयरामपुर की रीता देवी, तुलसीपुर की अनीता देवी, खड़वा की सुनीता देवी, भन्नौर की विद्या देवी और हरीपुर की सुनीता देवी को भी नसबंदी की संख्या बढ़ाने में मदद करने की जिम्मेदारी दी है।
वहीं गायत्री देवी कहती हैं कि अन्य आशा कार्यकर्ताओं के साथ जाकर उन्हें नसबंदी के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्हें बताते हैं कि पुरुष नसबंदी के क्या-क्या फायदे हैं और खुशहाल परिवार के लिए कैसे यह मददगार होता है।
परिवार नियोजन की स्वीकार्यता बढ़ाने तथा हर परिवार तक परिवार नियोजन की जानकारी पहुंचाने के लिए जिले में दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा शुरू हो गया है।
10 जुलाई तक चलने वाले इस कार्यक्रम के लिए सीएमओ की ओर से आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ), ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम), ब्लाक प्रोसेस मैनेजर (बीपीएम), हेल्थ एजुकेशन आफिसर (एचईओ) और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सीएमओ ने कहा कि प्रदेश के 10 सफल जिलों में शामिल होने के लिए अपना लक्ष्य पूरी लगन और मेहनत के साथ सभी कर्मचारी पूरा करें। दम्पतियों को बताया जाए कि नियोजित परिवार खुशहाली का आधार होता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजीव कुमार ने बताया – दम्पति सम्पर्क पखवाड़े में लक्षित दम्पति को परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से समझाना है
और इच्छुक लाभार्थियों को चिह्नित करते हुए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा (11 जुलाई से 31 जुलाई) के दौरान उनकी इच्छा के मुताबिक परिवार नियोजन की सेवाएं (जैसे महिला/पुरुष नसबंदी, अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन, आईयूसीडी या पीपीआईयूसीडी) उपलब्ध करानी है।
• यहां यह जानना जरूरी है कि वर्ष 2020-21 के लिए पूरे जिले के लिए 11,917 महिला नसबंदी कराने का लक्ष्य था जिसके सापेक्ष 11,636 नसबंदी हुई।
इसी सत्र के लिए 25 पुरुष नसबंदी कराए जाने का लक्ष्य था जबकि इसके सापेक्ष पूरे जिले में 78 पुरुष नसबंदी हुई। एक तरह लक्ष्य का तीन गुना से ज्यादा जिले में पुरुष नसबंदी हुई। इसमें से अकेले गायत्री देवी ने 36 पुरुष नसबंदी कराया है जो कि पूरे जिले की उपलब्धि का 46 प्रतिशत से ज्यादा है।
• जिले के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 7020 पीपीआईयूसीडी लक्ष्य था जिसके सापेक्ष 7522, 10,800 आईयूसीडी के सापेक्ष 5597, 1800 अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन के सापेक्ष 5412, 2,714 छाया के सापेक्ष 13,125 गर्भ निरोधक गोली बांटी गई
• वर्ष 2021-22 के लिए नसबंदी तथा परिवार नियोजन के अन्य संसाधनों के लिए वही लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो कि वर्ष 2020-21 के लिए था लेकिन अप्रैल में जब से यह सत्र शुरू हुआ, तब से लाकडाउन लगा रहा।