एक साहसी नेतृत्व के साथ ही रानी अहिल्याबाई में बहुत ही कुशल राजनीति क्षमता थी : कृपाशंकर सिंह

संकल्प सवेरा,जौनपुर: महारानी अहिल्याबाई होल्कर को मालवा में आज भी बहुत ही आदर और सम्मान के साथ याद किया जाता है आज उनकी 300वीं जयंती है उसी अवसर आज जौनपुर मे सीहीपुर स्थित भाजपा कार्यालय पर कार्यक्रम आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने की। मुख्य अतिथि के रूप जिला प्रभारी एव काशी क्षेत्र के महासचिव अशोक चौरसिया रहे। कार्यक्रम का सुभारम्भ लोकमाता रानी अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर एव पार्टी के पुरोधा पंडित दीन दयाल उपाध्याय और डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर एव बंदे मातरम गीत गाकर की गई।

कार्यक्रम का संचालन सयुंक रूप से सुशील मिश्र और अनिल गुप्ता ने की।
मुख्य अतिथि अशोक चौरसिया ने अहिल्या बाई होलकर के बारे मे विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि मध्य भारत के मालवा में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ऐसा नाम है जो अपने जीवन में उतार चढ़ाव के अलावा सुशासन, लोकल्याणकारी राज्य और धार्मिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए किए कार्यों के लिए ज्यादा जानी जाती हैं

कृपाशंकर सिंह ने कहा कि अहिल्याबाई की जीवन बहुत समय तक सुखी नहीं रहा कम उम्र में ही उनके पति खांडेराव होल्कर युद्ध में मारे गए उसके कुछ सालों बाद उनके ससुर का भी देहांत हो गया और फिर उसके अगले ही साल उनके बेटे मालेराव भी चल बसे इन हालात में अहिल्याबाई ने पेशवा से निवेदन किया कि वह खुद मालवा की बागडोर अपने हाथ में लेना चाहती हैं जिसे स्वीकार कर लिया गया।

पूर्व विधायक सुषमा पटेल ने कहा कि उनका विवाह अल्प आयु मे ही हो गई थी इनको आठ साल की उम्र में उन्हें मालवा के शासक मल्हार राव होल्कर ने देखा जब वह पुणे जाते समय उनके गांव में रुके थे उनकी नजर गरीबों को खाना खिला रहीं
आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्राओं ने अहिल्याबाई के जीवन सिद्धांतों पर अपने विचार प्रस्तुत किए कार्यक्रम के अंत में विजेता छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए गए और रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से जुड़ी मोटिवेशनल जानकारी साझा की गई।
उक्त अवसर पर संतोष सिंह विपिन द्विवेदी आमोद सिंह रागिनी सिंह नीरज मौर्य घनश्याम यादव परविंद्र चौहान शुभम मौर्य आदि उपस्थित रहे।