प्रधान बनने के लिए दिन-रात एक करने वाले जौनपुर के रामचंद्र मौर्य को क्या पता था कि खुशी मिलने से पहले ही उनकी जान चली जाएगी। रविवार को मतगणना के बाद जब उनकी जीत का एलान हुआ तो लोग सकते में रह गए। बारह दिन पहले मृत हुए रामचंद्र मौर्य को 164 मतों से चुनाव में जीत मिली है।रामनगर ब्लाक के जयरामपुर गांव निवासी रामचंद्र मौर्य की हसरत इस बार प्रधान बनने की थी। इसके लिए सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए उन्होंने जी तोड़ कोशिश की। दिन-रात ग्रामीणों की सेवा में लगे रहे, ताकि उन्हें उनका समर्थन मिल सके। 15 अप्रैल को मतदान के दौरान ग्रामीणों ने उन्हें भरपूर समर्थन भी दिया, लेकिन इसका परिणाम जानने के लिए वह जिंदा न रह सके। 18 अप्रैल को ही तबीयत बिगडऩे से उनकी मौत हो गई थी। रविवार को मतगणना शुरू हुई तो सबकी निगाह इस जयरामपुर के परिणाम पर भी टिकी थी। चुनाव में रामचंद्र मौर्य को 393 मत प्राप्त हुए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रहे रामाश्रय यादव को 229 मतों से संतोष करना होगा। रामचंद्र चुनाव जीत गए, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गए थे।