पूर्वांचल राज्य मोर्चा के पदाधकारियों ने उठाई पृथक पूर्वांचल राज्य की मांग
संकल्प सवेरा, जौनपुर। उत्तर प्रदेश की राजनीति में हर दिन कुछ ना कुछ नया देखने और सुनने को मिलता है । प्रदेश के लगातार पिछड़ने का एकमात्र कारण यहां के नेताओं का दलित प्रेम है । आम जनमानस और मध्यमवर्ग महंगाई और अशिक्षा से जूझ रहा जिसके निजात के लिए पूर्वांचल राज्य मोर्चा के पदाधकारियों ने एक बार फिर अलग पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग की है ।
आज एक वर्चुअल ऑनलाइन मीटिंग में पूर्वांचल राज्य मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग हुई जिसमें केराकत विधानसभा के समाजसेवी शिक्षक एवं पत्रकार पंकज कुमार मिश्रा को संगठन ने सर्वसम्मति से प्रदेश कार्यकारिणी का सदस्य बनाया ।
मीटिंग में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री पंकज कुमार मिश्रा जी ने कहा कि पूर्वांचल आन्दोलन ,पूर्वांचल का नये राज्य के रूप में एकीकरण लोकहित वह राष्ट्रहित में सर्वथा उचित एवं अनिवार्य आवश्यकता है ।पूर्वांचल की विभाजित स्थिति का पक्ष पोषण गैर पूर्वांचली नेताओं द्वारा सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है कभी कभी विकास के सब्जबागों का जो दिखावा होता है वह सिर्फ कोरी बकवास होती है ।
इस दिखावेनुमा विकास में पूर्वांचल के मतलब कि कुछ भी नहीं होता है । यही वजह है कि बहुत लंबे अरसे से घुटते और पिटते आ रहे इस भू-भाग की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पिछड़ेपन को दूर करने के लिए पृथक पूर्वांचल राज्य निर्माण ही कारगर साबित हो सकता है ।
मीटिंग को संबोधित करते हुए पूर्वांचल राज्य मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी संयोजक राजनीश तिवारी जी ने कहा कि पूर्वांचल राज्य निर्माण का विरोध करने वाले कुछ नेताओं का कुतर्क भी अजीब हैं,
हाशिए पर पड़े नेता चर्चा में आने के लिए बार बार अलग पूर्वांचल के नाम पर सिर्फ अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने लगते हैं । स्वार्थ सिद्ध होते ही चुप हो जाते हैं।राजनेताओं ने पूर्वांचल के पिछड़े पन को राजनैतिक सीढ़ी बनाकर अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए ,पूर्वांचल के मुद्दे का सहारा लिया ।
कोई व्यक्ति विषेष स्वार्थी या बुरा हो सकता है परन्तु पूर्वांचल राज्य आज के बदहाल पूर्वांचल के हालातों के हिसाब से कारगर साबित हो सकता है।यह मुद्दा गलत नहीं है नहि राजनीतिक स्टंट है । यह पूर्वांचल के जनता की समग्र मांग व एक जन आन्दोलन है । इसलिए हमें पूर्वांचल विकास बोर्ड नहीं ,हमें पृथक पूर्वांचल राज्य चाहिए ।