वाराणसी, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबा कर सिक्स लेन का लोकार्पण किया। 73 किलोमीटर का यह मार्ग प्रयागराज व वाराणसी को जोड़ेगा। दिसंबर 2014 से इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। खुजरी की जनसभा के बाद अब प्रधानमंत्री गंगा उस पार डोमरी स्थित भगवान अवधूत राम घाट पहुंचे। यहां अब ललिता घाट पर जल मार्ग से निकले। अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कारिडाेर का निरीक्षण के बाद पूजन करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी पहली जनसभा पहले जब यहां पर हुई थी तब यह चार लेन का था अब यह सिक्स लेन का हो गया। इससे सिक्स लेन के बनने से यातायात की सुविधा बेहतर होगी। काशी व प्रयाग राज के बीच आना जाना और आसान हो गया। कांवरियों को सुविधा होगी इससे कुंभ के दौरान भी लाभ मिलेगा। बेहतर मार्ग होने से पर्यटकों को काफी लाभ होगा। सड़क निर्माण से विकास का पहिया भी तेज हो जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे सिक्स लेन के बनने से यातायात की सुविधा बेहतर होगी। काशी व प्रयाग राज के बीच आना जाना और आसान हो गया। कांवरियों को सुविधा होगी इससे कुंभ के दौरान भी लाभ मिलेगा। बेहतर मार्ग होने से पर्यटकों को काफी लाभ होगा।
सड़क निर्माण से तेज हो जाता है विकास का पहिया
सड़क निर्माण से विकास का पहिया भी तेज हो जाता है। यूपी में इस समय बारह एयरपोर्ट कार्यरत है। पहले संख्या मात्र दो ही रही। किसान रेल से किसानों को काफी लाभ मिलने लगा है। वाराणसी और आसपास के जिलों से फल और सब्जियां विदेशों में भेजा जा रहा है। बनारस का लगड़ा आम, गाजीपुर का मिर्च, चंदौली का काला चावल विदेश भेजा जा रहा है। इससे किसानों को आर्थिक सुविधा मिल रही है। चंदौली का काला चावल विदेश में बेचा गया। वहां करीब 850 रुपये किलो के हिसाब से काला चावल बिक रहा है। इस बार चंदौली में करीब एक हजार किसान परिवार खेता का लाभ लेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधार कानून से किसानों को काफी लाभ होगा। छोटे किसानों के साथ अक्सर धोखा होता था। छेाटे किसान तो मंडी नहीं पहुंच पाते थे। अब छोटे किसान मंडी में अपनी उपज बेचने का बेहतर मौका मिल रहा है। किसानों को कानूनी लाभ मिल रहा है। किसानों को विकल्प देने से ही देश का काया कल्प होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सरकार का फैसला पसंद नहीं आता था तो विरोध का तरीका का दूसरा था। अब तो विरोध का आधार भ्रमण और आशंका फैलाने का रह गया है।
भविष्य में क्या होगा इसका गलत प्रचार करने भ्रमण किया जा रहा है। जो अभी हुआ ही नहीं उस पर खेल हो रहा है। ये वही लोग है जिन्होंने दशकों तक किसानों ने छल किया। एमएसपी को लेकर छल किया गया। कर्ज माफी के पैकेज घोषित तो किए गए लेकिन लाभ छोटे व सीमांत किसानों तक नहीं पहुंचा। हमने वादा किया था कि स्वामीनाथ आयोग के अनुसार ही एमएसपी का लाभ मिले जिसे पूरा किया। पहले यूरिया के लिए किसानों काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था अब ऐसे नहीं। देश के इतिहास में पहली बार किसान रेल शुरू की गई है। इन प्रयासों से उनकी आय पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।