आत्मा का भोजन भजन हैं पंकज जी महाराज

महाराजगंज, संकल्प सवेरा, जौनपुर। जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था की ओर से जौनपुर में 91वें पड़ाव महराजगंज के भटपुरा पावर हाउस मैदान में बुधवार को दिव्य सत्संग श्रधेय पंकज जी महाराज द्वारा सुनाया गया।सत्संग के दौरान महाराज ने धर्म प्रेमियों से मानव तन में आकर सबसे पहले मानव धर्म अपनाने का आह्वान किया।उन्होंने सत्य, दया, करुणा, प्रेम और अहिंसा जैसे मानवतावादी गुणों को अपनाकर एक अच्छे समाज के निर्माण पर जोर दिया।
संत जी ने बताया कि मनुष्य शरीर में ईश्वर का अंश श्जीवश् या श्रूहश् विद्यमान है, जिससे जीवन चलता है। उन्होंने लोगों से साधु न बनने, घर-परिवार न छोड़ने और खेती, दुकान या दफ्तर का काम करते हुए सुबह-शाम एक-दो घंटे भगवान का सच्चा भजन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शरीर को तो हम भोजन देते हैं, लेकिन आत्मा का भोजन भजन है, जिसे कभी नहीं दिया जाता। भजन की युक्ति केवल वही महात्मा बता सकते हैं जिन्होंने अपनी आत्मा को जगा लिया हो। इसके लिए शाकाहारी होना अनिवार्य है, क्योंकि भजन होय नहिं तामस देहा। संत पंकज जी महाराज ने मांसाहार और शराब के सेवन पर कड़ी चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि हम ईंट-पत्थर के मंदिरों को पवित्र मानते हैं, लेकिन भगवान द्वारा बनाए गए मनुष्य मंदिर में मांस और शराब डालकर प्रकृति को क्रोधित करते हैं।कार्यक्रम के बाद नामदान व महाप्रसाद का आयोजन किया गया।इस अवसर पर ऋशिदेव श्रीवास्तव, जगदीष चैरसिया, बलराम चैरसिया, ग्रा. प्रधान मूलषंकर सिंह, संजय चैरसिया, राम बहाल यादव, हरीराम गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार सिंह, सहयोगी संगत कौषाम्बी के घनष्याम जी, राम कुमार, गोवर्धन, बाबूलाल आदि उपस्थित रहे।
 
	    	 
                                












