संस्कारवान बच्चे ही देश व समाज का भविष्य उज्जवल बनाते हैं
जौनपुर, 12 जुलाई 2024, बच्चे मन के सच्चे होते हैं, उनमें बैर इष्या द्वेष आदि बुराइयां नहीं होती। बच्चे वे कोरा कागज हैं, जिस पर चाहे जो लिखा जा सकता है अर्थात आप चाहे तो उन्हें प्यार, मिलवर्तन,भाईचारा आदि अच्छी भावनाएं सीखाकर एक अच्छा नागरिक और इंसान बना सकते हैं। संस्कारवान बच्चे ही देश व समाज का भविष्य उज्जवल बनाते हैं।
उक्त उद्गार संत निरंकारी सत्संग भवन नौपेडवा में आयोजित निरंकारी बाल समागम के अवसर पर उपस्थित विशाल संत समूह को संबोधित करते हुए मेरठ से आए विद्वान संत श्री आशीष जी (केंद्रीय प्रचारक) ने व्यक्त किया ।
उन्होंने कहा की निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज बच्चों और युवाओं को श्रेष्ठ संस्कार दे रही हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी न केवल अपने परिवार का बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन करें। युवा , बच्चे ,सद्गुरु से ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर आध्यात्म को अपनाएं। बच्चे और युवा अपने माता-पिता तथा बड़ों का चरण स्पर्श कर सम्मान किया करें। घर परिवार में प्रेम हो, सत्कार हो, यही व्यावहारिक सीख निरंकारी मिशन दे रहा है। समागम में बच्चों को आध्यात्म के माध्यम से आधुनिक टेक्नोलॉजी का सदुपयोग करने और बुरी आदतों से दूर रहने के टिप्स दिए गए। बाल समागम का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को आध्यात्म की ओर प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा कि जब बच्चे सत्संग में आते हैं तो रहने का तरीका बदल जाता है। आज संत निरंकारी मिशन बच्चों के मानसिक, शारीरिक, नैतिक गुणों के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना के विकास पर भी निरंतर बल देता आ रहा है। मिशन के अंतर्गत बच्चों को शुरू से ही बाल संगतो के माध्यम से उनके अंदर व्याप्त गुणों को उजागर किया जाता है जिससे वे होनहार बालक बन सके। देशभर में निरंकारी यूथ एवं बाल समागम का आयोजन किया जा रहा है। बच्चे हमारे देश के भविष्य होते हैं और समाज की रीढ होते है। अगर इन बच्चों को सही मार्गदर्शन और सही संस्कार देना आज से ही शुरू कर दिया जाए तो यह बच्चे ही देश को नहीं ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं और समाज का स्वरूप सुंदर और सकारात्मक बना सकते हैं।
बच्चों और युवाओं ने गीत ,भजन, कविताएं, और लघु नाटक के साथ प्रेरक विचार व्यक्त कर निरंकार प्रभु और सत्संग से जुड़े रहने की सीख दी।
श्री सूर्यकुमार यादव जी (संयोजक) व श्री श्यामलाल साहू जी (संयोजक) ने आए हुए अतिथियों का स्वागत व सभी संतों का स्वागत किया।
श्री अशोक सचदेवा जी (जोनल इंचार्ज ) ने बच्चों और युवाओं के उत्साह की प्रशंसा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस कार्यक्रम में उपस्थित अनेक ब्रांचो के मुखी महात्मा, क्षेत्रीय संचालक, संयोजक, संचालक, शिक्षक, बाल संगत के इंचार्ज, व सेवा दल के भाई-बहन उपस्थित रहे।