मां के पुण्यतिथि पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने जिला अस्पताल में मरीजो को वितरित किया फल व दूध
सिकरारा : पूर्व सांसद धनंजय सिंह की माता स्वर्गीया लालती देवी की 18वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव बंसफा में शुक्रवार को मनाया गया। सई नदी के तट पर स्थित नागेश्वर महादेव धाम पर श्रद्धांजलि सभा व विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह ने कहा माँ त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति होती है। वह अपने बच्चो की कुशलता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तत्तपर रहती है। एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू व पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा स्वर्गीया लालती देवी में एक आदर्श माँ के सारे गुणों का समावेश था। उन्होंने सदैव गरीब, असहायों की भलाई के लिए कार्य किया।
सूचना आयुक्त सुभाष सिंह, टीडी कालेज के प्रबंधक अशोक सिंह व वरिष्ठ भाजपा नेता व पत्रकार ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि माँ का प्रेम निःस्वार्थ होता है। पुत्रो की सेवा करते हुए वह कभी नही सोचती कि उसके उपकारों का प्रतिफल मिलेगा। अभ्यागतों का स्वागत करते हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा कि असहाय व जरूरतमंद लोगों की सेवा करने की प्रेरणा मां से मिली है उसे आजीवन करता रहूंगा।
प्रारंभ में अतिथियों ने स्व.लालती देवी देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस मौके प्रमुख समरनाथ यादव, जौनपुर पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष शशिमोहन सिंह क्षेम, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र सिंह, महेन्द्र यादव, राना सिंह, जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, कुंवर बाबा जयसिंह, प्रदीप सिंह सफायर, सत्य प्रकाश सिंह, राकेश सिंह, जंग बहादुर सिंह, सुभाष सिंह, विनय उपाध्याय, रामचरित्तर निषाद आदि प्रमुख रहे। इससे पूर्व गुरुवार से आरम्भ श्रीरामचरित मानस पाठ के समापन के पश्चात हवन पूजन के साथ प्रसाद वितरण किया गया। पूर्व सांसद धनंजय सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू के साथ जिला अस्पाल पहुँचकर मरीजो को फल, दूध, बिस्किट आदि वितरित किया।

इस मौके पर ओमप्रकाश सिंह प्रतिनिधि ,नवीन सिंह, दिनेश सिंह, देवेंद्र तिवारी, राजेश सिंह, पंकज सिंह, अशोक सिंह, देवेंद्र सिंह, अशोक तिवारी, अरविंद यादव, जयन्त कुमार सिंह प्रधान, यशवंत सिंह ,दुष्यंत सिंह ,डॉ. संतोष सिंह आदि उपस्थित रहे। आगन्तुको का स्वागत पूर्व सांसद धनंजय सिंह उनके बड़े भाई जितेंद्र सिंह, दादा, अभ्युदय सिंह के साथ भतीजे अनिरुद्धदेव सिंह ने किया। आभार पूर्व विधायक राजदेव ने किया।