केवल कांग्रेस पार्टी का खाता सीज,बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है
जौनपुर,संकल्प सवेरा।जौनपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष फैसल हसन तबरेज एवं शहर अध्यक्ष विशाल सिंह हुकुम एडवोकेट ने संयुक्त रूप से प्रेस नोट जारी किया उन्होंने कहा किहमारे कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्षा ने बताया कि लोकतंत्र के ऊपर किस प्रकार का खतरा मंडरा रहा है!
किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों के ऊपर हमला हुआ और ये कोशिश की जा रही है कि फाइनेंशियली कांग्रेस पार्टी को पंगू बना दिया जाए। ये केवल कांग्रेस पार्टी के खातों पर नरेंद्र मोदी सरकार का हमला नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है। अगर प्रमुख विपक्षी पार्टी वित्तीय तौर पर पूरी तरीके से पंगू हो जाए, कोई कार्य नहीं कर सके, पब्लिसिटी के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, कैंपेन के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, अपने कैंडिडेट को पैसे नहीं दे सके,
तो फिर चुनाव किस बात का है और चुनाव की घोषणा हो चुकी है पिछले एक महीने से हमारे अपने बैंक अकाउंट्स में पड़े हुए 285 करोड़ रुपए का हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंदर स्लॉट बुक करने हैं। हमें सोशल मीडिया के अंदर इस्तेमाल करना है। हमें पोस्टर छपवाने हैं, हमें पैम्फ्लेट छपवाने हैं। अगर हम लोग वो काम भी नहीं कर सकते, तो किस प्रकार से लोकतंत्र जिंदा रहेगा और कैसा लोकतंत्र है ये।
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह आप सब लोगों के सम्मुख मोती लाल वोरा जी के समय 2017-18 के एक केस को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017-18 के बेसिस के ऊपर सात साल बाद में जाकर हमारे बैंक के खाते अब जाकर फ्रीज किए हैं, लेकिन अभी बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछले हफ्ते ये नोटिस कांग्रेस के पास आया है! सीताराम केसरी जी के जमाने का नोटिस हमें पिछले हफ्ते आया है। आप सोचें, सीताराम केसरी जी के जमाने का 1994-95 के असेसमेंट ईयर का नोटिस अब हमारे पास आया है
और इसको लेकर भी आगे आने वाले समय के अंदर फिर ये बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का और डिमांड लगाने की ये कवायत शुरू होगी। तो ये कौन सा लोकतंत्र है। अगर इसी रफ्तार से जाएंगे, तो महात्मा गांधी जी के समय में जमनालाल बजाज जी जब ट्रेजरार हुआ करते थे, उस टाइम की भी कोई चीज निकाल कर इस वक्त चुनाव से पहले हमारे अकाउंट्स को फ्रीज किया जाएगा। तो ये किस चीज का लोकतंत्र है। 30 साल पुराना, 31 साल पुराना असेसमेंट ईयर का हिसाब निकाल कर हमारे खाते फ्रीज किए जा रहे हैं ताकि हम लोग चुनाव ही ना लड़ पाएं।
हम लोगों के पास में मुख्यतः तीन बातें हैं कहने की। हर पॉलिटिकल पार्टी इनकम टैक्स से एग्जेंप्ट होती है। कभी किसी ने भी पैनेल्टी इस तरह से नहीं दी, तो कांग्रेस पार्टी को अकेले क्यों चुना जा रहा है? दूसरा, इसकी टाइमिंग देखिए, 2017-18 का, मोती लाल वोरा
जी के टाइम का और 1994-95 का, सीताराम केसरी जी का समय और केवल एक महीना पहले, चुनाव के घोषणा होने से पहले ये काम शुरू किया जाता है और तीसरा, क्वांटम ऑफ पनिशमेंट देखिए कि कितना बड़ा पनिशमेंट, क्या हमारा सिर्फ 0.07 प्रतिशत पूरा 199 करोड़ का कैश में, हमारे अपने एमपी ने अपनी तनख्वाह दी। उसकी वजह से 0.07 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 प्रतिशत की पैनेल्टी हमारे ऊपर लगाई गई है, 106 प्रतिशत की। कितना 0.07 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 प्रतिशत की पैनेल्टी हम लोगों के ऊपर लगाई गई है, ये क्वांटम है।
हम लोगों ने मात्र 30 दिन लेट अपने अकाउंट सब्मिट किए। इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 234 एफ ये कहता है कि सिर्फ 10 हजार रुपए की मैक्सिमम पैनेल्टी ली जा सकती है! अगर कोई भी ऑर्गनाइजेशन या व्यक्ति लेट अपना इनकम टैक्स सब्मिट करे, केवल 10 हजार रुपए और हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए का 210.25 करोड़ का लीएन मार्क कर दिया गया है। 10 हजार की सिर्फ पैनेल्टी, सिर्फ 07 प्रतिशत का हमारे टोटल अकाउंट में से कैश केवल अंदर लिया गया है, ये कहाँ का न्याय है। 115 करोड़ रुपए फोर्सफुली हमारे बैंक अकाउंट से इनकम टैक्स ऑफिसर ने बैंक मैनेजर के पास जाकर सरकार को ट्रांसफर करा दिया। वो अब हमारे पास नहीं है। 115 करोड़ रुपए बैंक मैनेजर को जाकर एक तरीके से डराकर, धमकाकर इनकम टैक्स ऑफिसर ने हमारे अकाउंट्स से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और सरकार को ट्रांसफर करा दिया।
मैंने बताया जैसे पिछले पांच हफ्ते से, एक महीने से भी ज्यादा हम अपने पैसे जो हमारे वर्कर ने इकट्ठे किए हैं, वो हम इसका उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, ये कहाँ की डेमोक्रेसी है, ये कहाँ का लोकतंत्र रह गया है? तो इसलिए हम आपसे कहना चाहते हैं कि ये केवल हम लोग तो अपनी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन ये आप लोगों की भी लड़ाई है, मीडिया की भी लड़ाई है, देश की जनता की लड़ाई है। अगर आप इसके अंदर हमें समर्थन नहीं करेंगे तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा, ना आप रहेंगे, ना हम रहेंगे। हमारा टोटल जो है 14 लाख 40 हजार बनता है, जो 0.07 प्रतिशत है। तो सिर्फ 14 लाख 40 हजार जो हमारा 0.07 प्रतिशत है, उसकी वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए से भी अधिक का हमारे ऊपर लीएन मार्क करके हमें पैनेल्टी लगाई गई है। तो आप सोचिए 14 लाख 40 हजार के बदले 210 करोड़ रुपए की पैनेल्टी हमारे ऊपर लगाई गई है, ये कहाँ का लोकतंत्र है?