जौनपुर । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में चित्रगुप्त धर्मशाला रुहट्टा में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रशाद की जयंती धूम धाम से मनाई गयी । समारोह की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष निलमडी श्रीवास्तव ने किया तथा संचालन राजेश श्रीवास्तव बच्चा भईया ने किया ।जयंती विचार गोष्ठी में दीवानी बार के पूर्व अध्यक्ष व महासभा के सरंक्षक आमोद सिन्हा ने कहा कि देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए यूं तो तमाम वीर सपूतों ने अपना अमूल्य योगदान दिया, लेकिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई ।
महासभा के सरंक्षक डॉ मनमोहन श्रीवास्तव व रचनाकार बजरंग प्रशाद श्रीवास्तव एडवोकेट ने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद ने कई बार जेल काटी और देश के स्वतंत्र होने पर देश के प्रथम राष्ट्रपति पद का सौभाग्य हासिल किया। जिलाध्यक्ष निलमडी श्रीवास्तव ने उनके जीवनी पे प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे । उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था जिसकी परिणति 26 जनवरी 1950 को भारत के एक गणतंत्र के रूप में हुई थी।
इसी कड़ी में जिला महासचिव राजेश श्रीवास्तव बच्चा भईया ने कहा कि डॉ साहब को भारत का प्रथम राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त हुआ था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने स्वाधीन भारत में केन्द्रीय मन्त्री के रूप में भी कुछ समय के लिए काम किया था। पूरे देश में अत्यन्त लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता था।इसी कड़ी में कई वक्ताओं ने डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी की जीवनी पे प्रकाश डाला । कार्यक्रम मे कार्यक्रम सयोंजक नीरज श्रीवास्तव ,सिंटू , विश्व प्रकाश श्रीवास्तव दीपक , जिलामीडिया प्रभारी अंकित श्रीवास्तव , , अमित श्रीवास्तव औरही ,सौरभ श्रीवास्तव , राजेश श्रीवास्तव , अनीश श्रीवास्तव , सुलभ श्रीवास्तव , महिला जिलाध्यक्ष डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव , प्रियम्बदा तिवारी, संदीप कुमार ,दीपक मिश्रा दीपू आदि लोग उपस्थित रहे ।