मुंशी प्रेमचंद ने समाज की विसंगतियों पर चलाई कलम: सिसोदिया
संकल्प सवेरा। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर संगोष्ठी एवं विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्य एवं अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । प्राचार्य डॉ. ओ एन चौबे ने स्वागत उद्बोधन में प्रेमचंद के वर्तमान महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को उनके साहित्य से प्रेरणा लेने की सलाह दी । डॉ. के जी मिश्र द्वारा विषय प्रवर्तन के उपरांत सारस्वत वक्ता नर्मदा प्रसाद सिसौदिया ने अपने वक्तव्य में प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का परिचय देते हुए उनकी कहानियों को समाज का दर्पण बताया । तत्पश्चात विशिष्ट वक्ता डॉ. अमिता जोशी ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए पंच परमेश्वर कहानी के माध्यम से बड़े पद को सत्ता नही बल्कि समाज के प्रति बड़े दायित्व का विषय बताकर उसके उचित उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया । विशिष्ट वक्ता डॉ. हंसा व्यास ने भी कर्तव्य निर्वहन का उल्लेख करते हुए प्रेमचंद के समाज के प्रति सजग साहित्य को समाज की अमूल्य निधि बताया । कार्यक्रम के अगले सत्र में विद्यार्थियों को ‘बूढ़ी काकी’ एवं ‘नमक का दारोगा’ फिल्म दिखाई गई । जिसके बाद भाषण प्रतियोगिता एवम पुरुस्कार वितरण से कार्यक्रम का समापन हुआ । प्रतियोगिताओं के निर्णय इस प्रकार रहे । भाषण में राजकुमार चौहान ने प्रथम, अभय अमोले ने द्वितीय एवं कमल श्रीवास्तव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । पोस्टर प्रतियोगिता में मनोज टेकाम प्रथम, वैष्णवी दीक्षित द्वितीय एवं समर्थ पटवा और धर्मेंद्र कटारे तीसरे स्थान पर रहे । और। निबंध में समर्थ पटवा प्रथम, शुभी जोशी द्वितीय एवं महक पटवा तृतीय स्थान पर रही । कार्यक्रम में डॉ. एस सी हर्णे, डॉ. संजय चौधरी, डॉ. रवि उपाध्याय, डॉ. सुधीर दीक्षित, डॉ. अंजना यादव, डॉ. नित्या पटेरिया, रीनू वर्मा, शबनम कुरैशी, आदि प्राध्यापकों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे । आभार प्रदर्शन डॉ. शोभा बिसेन एवं संचालन डॉ. रूपा भावसार ने किया ।