संकल्प सवेरा बिहार के मधेपुरा स्थित जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने जम कर हंगामा किया है. मेडिकल कॉलेज के छात्रों का यह हंगामा वहां मिलने वाली सुविधाओं में कमी को लेकर किया गया. कहने को तो सरकार इस मेडिकल कॉलेज को आधुनिक सुविधाओं से लैस वर्ल्ड क्लास का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कहती है, लेकिन जैसे कोरोना ने अस्पताल का भेद खोला उसी तरह छात्रों ने भी कॉलेज का भी भेद खोल दिया.
छात्र अपने हॉस्टल से निकल कर मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर आ गए. गेट को बंद कर दिया और इमरजेंसी सेवा को भी ठप करने का प्रयास किया. इस दौरान स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों से झड़प भी हुई. करीब दो घंटे के जद्दोजहद के बाद स्थानीय प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के आश्वासन पर छात्रों का हंगामा शांत हुआ.
हंगामा कर रहे छात्रों का आरोप है कि पढाई-लिखाई तो छोड़िये, पीने के लिए शुद्ध पानी और खाने के लिए मेस तक का भी सही सिस्टम नहीं है. हालत तो यह कि छात्रावास में चार दिनों से बिजली की व्यवस्था बाधित है. नहाने और शौचालय जाने तक के लिए ठीक से पानी नहीं मिल पा रहा है.
विरोध कर रहे एक मेडिकल छात्र ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लैब में कोई व्यवस्था नहीं है. मुर्दा तो दूर केमिकल तक नहीं है. शिक्षक कहते हैं किताब से पढ़ लो क्या करोगे, यही व्यवस्था है. मेस में सही खाना नहीं मिलता और बिजली नहीं रहने के कारन गैस लाईट में पढाई करनी पड़ती है.
छात्रों का आरोप है कि परीक्षा की तैयारी भी दूसरे छात्र की मानें तो जब जेनरेटर चलाने के लिए कहा जाता है तो जबाब यही होता है तेल बहुत लगता है. इस कॉलेज का उद्घाटन बिहार के मुखिया सीएम नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री ने किया था और इसे वर्ल्ड क्लास का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बताया था.
मेडिकल कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही और मेस संचालक की मनमनी ये है कि छात्रों के हंगामे के बाद अचानक रात में मेस बंद कर दिया जिससे छात्र या तो भूखे रहे या कहीं से भोजन का जुगाड़ किये. छात्रों का आरोप है कि मेडिकल कालेज प्रशासन उन लोगों की कुछ नहीं सुनती. हॉस्टल इंचार्ज या वार्डन का भी पता नहीं है.