प्राथमिक विद्यालय परिसर में रोपे गए आम, अमरूद, जामुन, पपीता, नीबू के साथ ही सब्जियों के पौधे
प्रधानाध्यापिका सुषमा पाठक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता चतुर्वेदी व सविता यादव ने निभाई अहम भूमिका
संकल्प सवेरा जौनपुर आने वाले वर्षों में प्राथमिक विद्यालय विशुनपुरा मझवारा के बच्चे मधुमेह, मुंह के छाले, अल्सर तथा डेंगू जैसी बीमारियों को मात देने के साथ ही गिरती प्लेटलेट्स को बचाने में सक्षम होंगे । बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए विद्यालय परिसर में आम, अमरूद, नीबू, पपीता जैसे कई अन्य पौधे तथा विभिन्न पौष्टिक तत्वों से भरपूर साग-सब्जियों की पोषण वाटिका तैयार की गई है। बच्चे इनके सेवन से हृष्ट-पुष्ट बनेंगे और बड़े होने पर भी इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रह सकेंगे |
राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत पोषण वाटिका को तैयार करने और उनसे लाभार्थियों को लाभ देने पर ख़ासा ज़ोर दिया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय विशुनपुरा मझवारा में पोषण वाटिका को तैयार करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता चतुर्वेदी और सविता यादव, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुषमा पाठक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानाध्यापिका सुषमा पाठक बतातीं हैं कि पोषण वाटिका में उन्होंने जामुन और अमरूद के पौधे रोपे हैं। जामुन मुंह के छाले और अल्सर ठीक करने में मददगार है और उसका सिरका मधुमेह की रामबाण औषधि है। दांतों के सड़ने, पायरिया तथा गला बैठने पर हम लोग अमरूद की पत्तियां उबालकर गरारा करते हैं तो फायदा मिलता है। अमरूद मधुमेह में भी उपयोगी है। सबसे बड़ी बात दोनों फल बच्चों को बहुत लुभाते हैं। वाटिका में लगे पौधे और सब्जियां मिड-डे मील के लिए उपयोगी होंगे।
बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता चतुर्वेदी तथा सविता यादव के सहयोग से गोभी के 30, टमाटर के 12, मिर्च के 10, बैगन के 06, नीबू का 01, जामुन 02, आम 02, अमरूद 01, पपीता 03, गेंदा 05, गुड़हल 02, तुलसी 02, सहजन के 01 पौधे सहित नेनुआ, बोड़ा, लौकी, भिंडी के बीजों सहित 100 के लगभग पौधे रोपे गए हैं।
प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र रागिनी मिश्रा बताती हैं कि वाटिका में तैयार सब्जियां मिड-डे मील में उपयोगी साबित होंगी। सफाईकर्मी रामबचन इस बात से खुश हैं कि उन्होंने पोषण वाटिका बनाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता चतुर्वेदी और सविता यादव का सहयोग किया है।
स्कूल में पढ़ने वाले राज की मां रीता, सौम्या की दादी सुभावती, अयांश की दादी ऊषा का मानना है कि पोषण वाटिका उनके बच्चों के लिए उपयोगी साबित होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हाथों तैयार हो रही यह पोषण वाटिका उन्हें भी अपने घर पर ऐसी ही वाटिका लगाने को प्रेरित कर रही है। वह भी घर पर ऐसी वाटिका तैयार करेंगीं।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ कमल रंजन का कहना है कि पपीता एंजाइम का काम करता है और खाना पचाने में मददगार होता है। डेंगू की वजह से प्लेटलेट्स घटने पर प्लेटलेट्स का स्तर बढ़ाने में इसकी पत्तियां मददगार होती हैं। सहजन आयरन, कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स आदि सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका साग बनाकर खाने से शरीर में इन सबकी जरूरत पूरी होती है। नींबू विटामिन सी का अच्छा स्रोत है और इसमें साइट्रिक एसिड होता है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधी शक्ति तैयार करता है और पाचन में सहायता करता है। पोषण वाटिका में लगे सभी पौधे बच्चों के शरीर के लिए जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की पूर्ति कर उनके शारीरिक विकास में मददगार होंगे। उनमें रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी और अच्छा विकास होगा।