लोक सभा चुनाव 2024– फेज 6 विश्लेषण
रीयल से रील में तब्दील हुआ चुनाव प्रचार
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—कैलाश सिंह/अशोक सिंह–
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-बूथ तक पहुंचे नहीं, हवा में खूब चला आसमानी चुनाव प्रचार, पहले चर्चा- खर्चा- पर्चा पर होता रहा प्रचार, तब हर घर तक पहुँचते थे कार्यकर्ताl बड़े नेता के आने पर आमजन खुद सभा में भाषण सुनने पहुँचते थे, अब वाहन लगाकर दिहाड़ी पर जुटाई जाती है भीड़ l
-60 दशक तक माउथ मीडिया और प्रिंट मीडिया पर होता था लोगों को भरोसा, अब सब कुछ रील पर हुआ आधारित, पार्टी कार्यकर्ता तक बूथों से हुए दूर, जातिगत समीकरण पर आयोजित सभाओं में मंचों पर भी अपरिचित चेहरे नज़र आने लगे l
-नेता और प्रत्याशी लाखों खर्च कर अपनी आईटी सेल से अपने गुणगान देख सुनकर हो रहे गदगद, वोट के ठेकेदार बिना टेंडर के लाखों पीट रहे, वोटरों को जातियों और रील में उलझाया, नैतिकता हुई गुम, एक- दूसरे को गाली देकर वोट हासिल करने की हो रही कोशिश l
-राष्ट्रीय स्तर पर दो ध्रुव- गठबंधन एन डी ए एवं इंडिया की छतरी के नीचे बेमेल विचार वाले दल हुए एकत्र, अपने इलाकों और प्रभाव वाले क्षेत्रों में जातिगत आधार को बनाए हथियार, घोटालों के आरोपी दागियों को भी बनाया सीटों पर सेनापति (प्रत्याशी) l
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जौनपुर,संकल्प सवेरा l वर्ष 90 के दशक में मुंबई में (अब दिवंगत) गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने इंटरव्यू के दौरान गीतों के स्थायित्व पर कहा था कि मेरे लिखे गीत तब तक नहीं मरेंगे जब तक श्रोता मौजूद रहेंगे, इसीलिए मैं कम लेकिन ठोस लिखता हूँ l तब उन्होंने रील और रीयल का फर्क समझाया था जो 2024 के लोकसभा चुनाव में साफ़ नज़र आने लगा है, इसे अधेड़ व बुजुर्ग मतदाता करीने से समझ रहा हैl ग्राउंड लेबल पर भ्रमण के दौरान हमारी टीम की भेंट तमाम लोगों से हुई जिनमें युवाओं की तो अपनी समस्या दिखी लेकिन बुजुर्ग बेज़ार दिखेl उनकी ज़ुबान में कहें तो अभी तक प्रत्याशी को देखे ही नहीं l घर और पड़ोस के बच्चे मोबाइल पर उनकी फिल्में दिखाते हैं l वही युवक ये फिल्में दौड़ाते दिखाते हैं जिन्हें जेब खर्च मिले होते हैं l अब चर्चा- खर्चा- पर्चा का दौर खत्म हुआ l
चर्चा राष्ट्रीय स्तर से शुरू होकर प्रत्याशी के व्यवहार, चरित्र तक माउथ मीडिया यानी गुरु जी (टीचर) , पण्डित जी (ब्राहमण) बाबू साहब (ठाकुर) के जरिये खेत खलिहान और चाय पर होने वाली चर्चा में माउथ मीडिया हेड पण्डित जी होते थे, उनकी बात सभी मानते थे l वहाँ तक पहुँच बनाने वाले बूथ कार्यकर्ता प्रत्याशी व नेताओं तक बात पहुंचाते थे तब वह भी नुक्कड़ सभा में आकर लोगों से अपने आग्रह और दल की नीतियां बताते थे l अब बूथ से कार्यकर्ता भी कट गए l उन्हें खर्चा, पर्चा नहीं मिला l
बड़े नेताओं की सभा में मंचों पर अपरिचित चेहरे नज़र आने लगे यानी जुड़ाव के साथ सम्पर्क भी खत्मl भीड़ भी दिहाड़ी पर जुटाई जाने लगी l वोटरों को जातियों में विभक्त कर दिया गया l उसी आधार पर नेता भी दूसरों को गाली देकर वोट हासिल करने की कोशिश में लग गएl यह सबकुछ दिखने लगा है l जातिगत ठेकेदार बिना टेंडर के लाखों पीट रहे और वोटर को रीयल से दूर कर रील में उलझा रहे l
इस बार एन डी ए हाई कमान ने जहाँ राज्य स्तर के बड़े नेताओं की सहमति लिए बगैर टिकट वितरण कर दिया, उन्हें भरोसा था अपने मुद्दों और पुरानी लहर पर l बस यहीं मात खाने लगे l बात जौनपुर सीट को बानगी मानकर करें तो इसी चक्कर में सैकड़ों करोड़ के घोटालों के आरोपी को भी देखने में चश्मा नहीं लगाया l वहीं इंडिया गठबंधन ने हजारों करोड़ के घोटाला के आरोपी व फर्जी नाम व डिग्रीधारी, पुलिस डायरी में चीटर को उतारकर उनके नहले पर दहला मार दिया l बसपा प्रत्याशी हैं तो सभ्य लेकिन अपने ही बेस वोटर को बचाने में जूझ रहे l अनुमानित आकड़े के तहत यहाँ दलित वोटर सबसे ज्यादा तीन लाख हैं लेकिन इनमें कुछ उप जातियाँ बंटी नज़र आ रहीं l दो लाख मुस्लिम वोटर श्रीकला धनंजय के मैदान में रहते समय विभक्त थे या उन्हीं को मिल रहे थे लेकिन वह अब कांग्रेस के नये चेहरों के नाम पर इंडिया प्रत्याशी की तरफ अधिक रुझान मे दिख रहे l भाजपा के कोर वोटर दो और सवा दो लाख क्रमवार ठाकुर और ब्राह्मण मौन साधे हैं जबकि कायस्थ अपनी जगह अडिग हैं l लेकिन अदर बैकवर्ड कुछ खिसक गया है, इनमें मौर्य 95 हजार में से काफी संख्या में पाला बदल लिए l
यादव दो लाख से ज्यादा हैं वह यदि बसपा प्रत्याशी ने अपनी तरफ खींचा तो संघर्ष तिकोना होगा अन्यथा भाजपा- सपा की सीधी टक्कर होगी l
इसी तरह तरह मछली शहर में भी भाजपा- सपा में टक्कर नज़र आ रही l क्योंकि यहाँ बसपा कमजोर है लेकिन तीनों प्रत्याशी एक ही जाति के हैं और सभी के बेस वोट दलित हैं l यह सीट भी सुरक्षित हैl यहाँ स्वर्ण वोटर निर्णायक भूमिका निभायेंगे l
ये वोटर भाजपा और सपा दोनों प्रत्याशियों के व्यवहार व स्थानीय कारणों से बिदके हैं, उन्हें मनाने में जो भारी पड़ेगा वह मैदान मार सकता है l इस रिपोर्ट के साथ एक अखबार की आकड़ों वाली कटिंग लगी है जिसमें जौनपुर और मछलीशहर दोनों सीटों के वोटरों की संख्या है जो मतदान प्रतिशत के तहत रिजल्ट 4 जून को देगी l