5 जून : विश्व पर्यावरण दिवस
आओ हम सब-
#पौधे #लगाएं, #पेड़ #बचाएं
इस दुनिया को, सुंदर बनाएं!
#पर्यावरण का करें #सम्मान
#कल होगा, ज्यादा #आसान!
आज पेड़ पौधों की कमी से ,जो 'प्राकृतिक असन्तुलन, पैदा हुआ है, उसकी भरपाई हेतु, अपने सेवा दायित्व से ,अपने समय को न्योछावर करने वाले ,एक मजबूत जज्बे एवं संकल्पधारी, जिस शख्सियत का परिचय देने में मुझे बेहद खुशी हो रही है, उनका नाम है, श्री धीरेंद्र कुमार जी, जो मऊ जनपद के कृषि विभाग में, 'कृषि अधिकारी, के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। श्री धीरेन्द कुमार जी, मूलतः आजमगढ़ जनपद के ग्राम -सोहवली के रहने वाले हैं। बतौर ,अपनी सरकारी सेवा के दायित्व के क्रम में, वे जहां एक तरफ जनपद के, असंख्य किसानों को वैज्ञानिक विधि एवं बिना कीटनाशक रसायनों का प्रयोग किये नवीन विधि एवं 'कम लागत ज्यादा उत्पादन, वाले कृषि फसल उगाने हेतु उत्प्रेरित करने का कार्य करते हैं ,वहीं लाखों की संख्या में फलदार, औषधीय ,पौराणिक महत्व एवं छायेदार पौधों को अपने निर्देशन में लगवाने एवं स्वयं की बाग में लगा कर ,उन्हें सुरक्षा देने का भी, सफल श्रेय धारित करते हैं।
परम प्रिय - उक्त अधिकारी महोदय के सुझाव एवं मार्ग निर्देशन में, बेहद उत्साहित भाव से, मैने भी अपनी दो बड़ी बागों में- फलदार, औषधीय,पौराणिक महत्व एवं इमारती पौधों की श्रृंखला का रोपण कर उसे सुरक्षा देने का निश्चय किया। मुझे यह बताने में गर्व है कि उनके सुझाव एवं निर्देशन में, आज जो मेरा लक्ष्य-
'असन्तुलित पर्यावरण को बचाएंगे हम
सुधरेगा एवं संवरेगा भविष्य"
के जज्बे से ओत प्रोत है, उसके लिए उन्हें बहुत बहुत आभार!
आज हम मानव की भोगवादी प्रवित्ति एवं विलासिता पूर्ण जीवन की लालसा ने ,जहां एक तरफ पारिस्थितिकी तंत्र में ब्यापक स्तर पर असंतुलन बढ़ा दिया है, वहीं दूसरी तरफ कल-कारखानों, नगरीकरण एवं हम सभी की गतिविधियों ने , वायुमण्डल से लेकर,जल एवं ध्वनि इत्यादि सभी को ,विषैले प्रदूषण ने अपने आगोश में ले लिया है।इस क्रम में हम सभी के लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि समय रहते ,हम सभी का एक दृढ़ लक्ष्य सहित मजबूत संकल्प हो , “पर्यावरण के संरक्षण व वातावरण को स्वच्छ एवं सुगंधित, बनाने हेतु जागरूकता एवं विविध प्रकार के पौधों का रोपण एवं संरक्षण कर ,अन्य इच्छुक जन तक उसका वितरण, निष्पादित करें ।इससे निश्चित रूप से आज, 5 जून: “विश्व पर्यावरण दिवस; के रूप में मनाने
की सार्थकता सिद्ध होगी एवं अपने प्रकृति-वातावरण एवं पर्यावरण के लिये बड़ा शुभ संकेत साबित होगा!











