संकल्प सवेरा, जौनपुर। तकरीबन 3 लाख रूपये से भी अधिक का गेहूं और धान हर साल सरकार के क्रय केंद्रों पर बेचने वाले लखपति किसान भी गरीब बन गए हैं।
जिसके चलते ऐसे लखपति किसान सरकार की ओर से गरीबों को राहत के तौर पर दिए जा रहे मुफ्त के गेहूं और चावल का कट्टा भरकर अपने घरों पर ले जा रहे हैं।
केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना वायरस की दूसरी लहर से प्रभावित हुए देश में सभी राज्यों के लोगों को मुफ्त में 5 किलो गेहूं और चावल दिया जा रहा है।
जिसका ऐसे लखपति किसान भी लाभ उठा रहे हैं जो हर साल सरकारी क्रय केंद्रों पर तकरीबन तीन लाख रूपये से भी अधिक का गेहूं और धान बेचते हैं।
सूत्रों की माने तो इस बात का खुलासा होते ही अब लखपति किसानों के राशनकार्ड निरस्त करते हुए उनसे रिकवरी करने के लिए कहा गया है।