अधर्म की कमाई में वास करता है कलयुग:निकेता त्रिपाठी

जौनपुर,संकल्प सवेरा: नगर के मधारेटोला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को
तीर्थराज प्रयागराज से आईं निकेता त्रिपाठी ने भक्तों को संस्कार, धर्म से जुड़ी कथा का वर्णन किया। कहा कि अधर्म की कमाई में कलयुग का वास होता है।
उन्होंने बताया कि भगवान अपने भक्तों के कष्ट को दूर करने के लिए कुछ भी करते हैं। राजा परीक्षित के प्राण बचाने के लिए भगवान माता उत्तरा के गर्भ में प्रवेश किए थे और राजा परीक्षित जी के प्राण बचाए थे।

उन्होंने कहा कि एक बार श्री कृष्ण जी कुंती बुआ से बोले कि आप हमसे कुछ भी मांग सकती हैं, तब कुंती ने श्री कृष्ण से दुःख मांगे तब भगवान बोले सब सुख मांगते है तो आप दुख क्यों मांग रही हैं। इस पर कुंती बोली कि सुख में सब भगवान को भूल जाते है और दुःख में भगवान को याद करते है और मैं हमेशा आपको याद करना चाहती हूं।
कथा का संचालन कर रहे नितिन कुमार ने किया।
कथा के विश्राम में राधा राधा भजन के साथ मुख्य यजमान अश्वनी सिंह व उनकी पत्नी ज्योत्सना ने आरती की। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।
 
	    	 
                                











