जैसे मेरा भाई मारा गया, वैसे उन सबकी मौत हो’:बोली बहन
संकल्प सवेरा, जौनपुर। हम सरकार से कहना चाहते हैं कि जैसे मेरा भाई मारा गया है, वैसे ही आरोपियों के घर में सबकी मौत हो। उनके घर में लड़कों की संख्या ज्यादा है। पैसा और प्रॉपर्टी ज्यादा होने के नाते हमारे घर पर प्रेशर बनाते थे। हम 5 बहनें हैं। हमारा भाई अकेला था, पिता अकेले हैं। हमारे घर में लड़कियों की संख्या ज्यादा है, तो क्या हम मर जाएं।
रमेश यादव ने मेरे भाई अनुराग पर वार किया। उसके पिता लालता यादव ने मेरे भाई को घेरा। मेरे भाई ने हमसे बोला था, खाना निकालो हम आ रहे हैं। फिर लौट कर नहीं आया। प्रशासन की इतनी हिम्मत नहीं कि उसके घर की कुंडी खटखटा सके। पुलिस लालता को पकड़ कर ले गई है।’
यह कहना है, ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की बहन स्वाति यादव का। अनुराग की बुधवार सुबह जमीन के विवाद में तलवार से गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी। बुधवार सुबह 7.30 बजे अनुराग यादव उर्फ छोटू ब्रश कर रहा था। तभी पड़ोसी रमेश यादव तलवार लेकर आ गया। साथ में उसके घरवाले भी थे। अनुराग बचने के लिए भागा, तो रमेश भी पीछे दौड़ा। उसे घेर लिया। तलवार के एक वार से सिर धड़ से अलग कर दिया।
मां बेटे का सिर सीने से लगाकर रोती रही। धड़ सड़क पर पड़ा रहा। पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर रमेश यादव के पिता लालता यादव को गिरफ्तार कर लिया। हत्या करने वाला रमेश यादव समेत अन्य आरोपी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है।
अनुराग की बहन स्वाति यादव ने बताया- घर के पीछे वाली डेढ़ बिस्वा जमीन को लेकर 1 साल पहले ठंड के मौसम में लालता यादव के परिवार से विवाद हुआ था। जमीन हमारी है, कोर्ट से स्टे भी है। फिर भी रमेश यादव और उसके घरवाले कहते हैं, हम अपना घर बनाएंगे। तुम्हारा घर भी ले लेंगे। इस समय जिस घर में हम लोग रह रहे हैं, यह भी विवादित है। गोशाला के पास की जमीन पर भी इन लोगों ने केस कर रखा है। 10 दिन पहले इन लोगों ने 18वां केस किया है।
लालता का एक बेटा राजेश यादव दरोगा है। उसके बल पर ये लोग दबंगई करते हैं। उसका बेटा-पढ़ा लिखा है। उसके बाद भी जाहिलों जैसी हरकत करता है। उसको समझना चाहिए कि जिस काम के लिए आपने वर्दी पहनी है, वह करे। न कि आप दरोगा हो तो सिर्फ अपने परिवार की सुनोगे। आप इस गांव के दरोगा नहीं हो। यहां के दरोगा थाने में बैठे हैं, वो जो कहेंगे वो होगा। लोग पैसे पर मरते हैं। हमारे घर का बेटा दरोगा है, तो चाहे पूरा गांव रौंद दें। रमेश यादव के घर पर लालता यादव, लाल मोहन यादव, आदित्य, सूरज, राजकुमार, शशांक और आकाश रहते हैं। सबने मिलकर मेरे भाई को मार दिया।