वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल World Gold Council (WGC) ने भारत में सोने की डिमांड घटकर 26 साल के निचले स्तर पर आने की आशंका जताई है. इसके पीछे मुख्य वजह कीमतों में तेजी और कोरोना वायरस को बताया है.
मुंबई. भारत में सोने की डिमांड घटकर 26 साल में सबसे कम रह सकती है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिंल डब्ल्यूजीसी (World Gold Council (WGC)) की नई रिपोर्ट इस बात की आशंका जताई जा रही है. इसके पीछे मुख्य वजह सोने की कीमतों में आई बेतहाशा तेजी और कोरोना वायरस को बताया जा रहा है. आपको बता दें कि भारत में अप्रैल-जून की तिमाही में सोने की मांग 70 फीसदी घटकर 63.7 टन पर आ गई है. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के चलते सोने की मांग में गिरावट आई है. इससे पिछले साल यानी 2019 की दूसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग 213.2 टन रही थी. डब्ल्यूजीसी की ‘दूसरी तिमाही में सोने की मांग के रुख पर रिपोर्ट’ में कहा गया है कि मूल्य के हिसाब से दूसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग 57 प्रतिशत घटकर 26,600 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 62,420 करोड़ रुपये थी.
1994 के बाद सबसे कम हो सकती है सोने की डिमांड- डब्ल्यूजीसी के एमडी, भारत सोमसुंदरम पीआर ने कहा, कि पहली छमाही में कमजोर मांग 2020 के बाद से भारत की सोने की खपत को 1994 के बाद से सबसे कम 415 टन कर सकती है, सोमसुंदरम ने कहा कि कोरोनोवायरस संकट के कारण पूरे साल की मांग का अनुमान लगाना अभी भी मुश्किल है.
उन्होंने कहा, दूसरी तिमाही में जहां सोने के दाम ऊंचाई पर थे, वहीं इस दौरान देश में महामारी की वजह से लॉकडाउन भी था. इन कारणों से देश में सोने की मांग 70 प्रतिशत घटकर 63.7 टन रह गई. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पहली छमाही में देश में सोने की मांग 56 प्रतिशत घटकर 165.6 टन रही है. यह वैश्विक रुख के अनुरूप है. हालांकि, इस दौरान गोल्ड ईटीएफ की खरीदारी में मामूली इजाफा हुआ.
भारत में आधी से कम रह गई सोने की ज्वेलरी की डिमांड- दूसरी तिमाही में आभूषणों की मांग 74 प्रतिशत घटकर 168.6 टन से 44 टन पर आ गई. मूल्य के हिसाब से आभूषणों की मांग 63 प्रतिशत घटकर 18,350 करोड़ रुपये रह गई, जो 2019 की समान अवधि में 49,380 करोड़ रुपये थी. इसी तरह निवेश के लिए सोने की मांग 56 प्रतिशत घटकर 19.8 टन रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 44.5 टन थी. मूल्य के हिसाब से सोने की निवेश मांग 37 फीसदी घटकर 8,250 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 13,040 करोड़ रुपये थी.
रीसाइक्लिंग में आई भारी गिरावट-देश में सोने की रीसाइक्लिंग (पुन:चक्रीकरण) भी 64 फीसदी घटकर 13.8 टन रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 37.9 टन थी. इसी तरह दूसरी तिमाही में देश में सोने का आयात 95 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 11.6 टन रह गया, जो 2019 की समान अवधि में 247.4 टन रहा था.