नई दिल्ली. भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर विजयराघवन ने कहा है कि अगर कड़े नियम अपनाएं जाएं तो हो सकता है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) देश में न आए. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी कदम उठाए गए तो इससे बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर गाइडलाइंस को फॉलो करें तो शायद कुछ ही जगहों पर कोरोना की तीसरी लहर आएगी या फिर कहीं भी नहीं आएगी. बता दें कुछ दिन पहले राघवन ने कहा था कि देश में तीसरी लहर आनी तय है.
सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजयराघवन ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से ठीक होने वाले कई मरीजों में जानलेवा फंगल इन्फेक्शन म्यूकोरमाइसिस (Mucormycisis) के मामलों को लेकर कहा कि इसकी निगरानी की जा रही है. विजयराघवन ने कहा, ‘यदि हम मजबूत उपाय करते हैं, तो तीसरी लहर देश के हर हिस्से में नहीं आएगी.’ उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्थानीय स्तर पर, राज्यों में, जिलों में और शहरों में हर जगह मार्गदर्शन कितना प्रभावी ढंग से लागू होता है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर ‘अपरिहार्य’ है, हालांकि यह कब आएगी, इसका पूर्वानुमान नहीं जताया जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में अधिकारियों ने कहा कि देश इस ‘तीव्रता’ की जिस लंबी कोविड लहर का सामना कर रहा है, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था.
सरकार ने कही थी ये बात
सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के मरीज उपचाराधीन हैं. सरकार ने कहा कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति दिख रही है.
सरकार ने यह भी कहा कि 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है. वहीं केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा था कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी. उन्होंने कहा, “ हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए.”