सुख चैन देवी का कहना है कि जब जिंदगी में जीने का कोई दूसरा सहारा दिखाई नहीं दिया तो उसने यह काम शुरू किया है और उसको यह काम करने में थोड़ी भी परेशानी नहीं है और ना शर्म है.
सीतामढ़ी. लॉकडाउन के दौरान संघर्ष की अलग-अलग कहानियां सामने आती है. इस कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं सीतामढ़ी की एक ऐसी महिला की कहानी जो मर्दानी कहला रही है. इस मर्दानी की कहानी बेहद दिलचस्प है जिसने समाज के विपरित जाकर अपने जीवन यापन का एक अनोखा रास्ता अपनाया है. जीवन यापन के लिए इस महिला ने नाई का पेशा चुना है जिस पर अब तक पुरुष प्रधान समाज का ही अधिपत्य था. मर्दानी की कहानी जब इलाके में पॉपुलर हुई तो वो रातों-रात लोगों के लिये रोल मॉडल बन गयी.
रोजाना होती है 200-250 की आमद
सीतामढ़ी के बाजपट्टी प्रखंड के बसौल गांव की सुख चैन देवी नामक यह महिला बाल काटने का काम करती है. लॉकडाउन में पति का रोजगार छिन जाने के कारण ये महिला बेहद हताश और निराश हो गयी थी. आर्थिक बोझ से पूरा परिवार दबता जा रहा था तब जाकर इसने अपने जीविका को आगे बढ़ाने के लिये कंघी और कैची का सहारा लिया. आज सुख चैन देवी अपने गांव के आसपास के इलाके में घूम-घूमकर लोगों की हजामत बनाने का काम करती है. इस काम मे सुख चैन देवी को 200 से ढ़ाई सै रुपये की आमदनी रोजाना हो जाया करती है जिससे इसका परिवार अब चैन से दो वक्त का रोटी खा रहा है.
क्या कहती है सुख चैन देवी
सुख चैन देवी का कहना है कि जब जिंदगी में जीने का कोई दूसरा सहारा दिखाई नहीं दिया तो उसने यह काम शुरू किया है और उसको यह काम करने में थोड़ी भी परेशानी नहीं है और ना शर्म है. वो चाहती है कि सरकार से उसे सरकारी योजना का लाभ मिल सके ताकि उसकी जिंदगी और आसान हो सके. बाजपट्टी के ही पथराही गोट में सुखचैन देवी की शादी हुई थी बीमारी से उनके पति की मौत हो गई, जिसके कुछ दिनों के बाद ससुराल और मायके वाले के सहमति के बाद उसकी दूसरी शादी छोटे देवर रमेश से कर दी गई.
मां के घर रहती है सुख चैन
ससुराल में रहने के लिए उसके पास घर और जमीन कुछ भी नहीं है. सुखचैन अपनी मां के घर बसौल में ही रह रही है क्योंकि उनके पास कोई भाई नहीं है और पिता की मृत्यु बहुत पहले ही हो चुकी है. सुखचैन को दो बेटे और एक बेटी है, जो पढ़ रही है. सुख चैन का पति चंडीगढ़ मे मजदूरी का काम करता था जो कोरोना संक्रमण को लेकर अपना काम धंधा छोड़ वापस घर लौट आया है और पूरी तरीके से बेरोजगार बैठा है.सुख चैन देवी के इस हिम्मत और जज्बा के सभी कायल हैं.
योजनाओं का मिलेगा लाभ
जब सीतामढ़ी जिला प्रशासन को सुख चैन देवी के बारे मे पत्ता चला तो जिला प्रशासन भी सुख चैन देवी के इस जज्बे और हिम्मत को शबाशी दे रहा है. जिले की महिला कलेक्टर अभिलाषा कुमारी शर्मा ने सुख चैन देवी को वो तमाम सुख उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है जो उसका हक है. सीतामढ़ी की डीएम ने सुख चैन देवी को सरकारी योजनाओ का लाभ और उसे बेहतरीन ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण दिलाने का आश्वासन दिया है.
डीएम हुई मुरीद
सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि मैं सुख चैन देवी के हौसले को से सलाम करती हूं. डीएम ने कहा की उनको तमाम सरकारी सहायता उबलब्ध कराई जायेगी जिसकी वो हकदार है इतना ही नहीं उनको पार्लर का भी बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जायेगा