जौनपुर में धूल गर्दा गुबार से सैकड़ों बीमार
एक दर्जन ग्रामीण जिला अस्पताल में भर्ती
जौनपुर आजमगढ़ फोरलेन के निर्माण में प्रेशर मशीन चलाने का खामियाजा
जौनपुर,संकल्प सवेरा जौनपुर आजमगढ़ फोरलेन के निर्माण में संबंधित कार्यदाई संस्था द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है । हालत यह हो गई कि धूल और गर्दा गुबार की जद में आने से दर्जनों लोग बीमार पड़ गये हैं।
दरअसल जिले के केराकत आजमगढ़ तिराहे से विथार पेट्रेाल पंप तक पांच किलोमीटर तक के आधा दर्जन गांवों में फोर लेन सड़क बनाये जाने के दौरान तीन माह पहले डिवाइडर के खाली स्थान में मिट्टी भर दिया गया था।
उस मिट्टी को हटाने के बजाय लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार ने बीती रात 10 बजे के बाद प्रेशर मशीन से उ़ड़ाने का काम करना शुरू दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि रात से सवेरे तक उक्त गांवों में धूल भरी आंधी उड़ने लगी और सैकड़ो लोग दम घुंटने, खांसी, जुखाम, बुखार सहित कई प्रकार के बीमारियों से ग्रसित हो गये। इनमें एक दर्जन गंभीर लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस मनमानी से ग्रामीणों में भीषण आक्रोश है और उनका कहना है कि ग्रामीणों के साथ इस अमानवीय घटना की जांच कराकर ऐसा कराने वाले जिम्मेेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय।
बताते है कि आजमगढ़ केराकत तिराहे के केशवुपर, मुस्काबाद, गोपालपुर, महरूपुर, मुस्काबाद, कमरूद्दीनपुर, विथार आदि गांवों में डिवाइडर केबीच से मिट्टी हटाने के लिए प्रेशर मशीन जब चलायी गयी तो पूरे क्षेत्र में आंधी का तूफान आ गया, चारो तरफ धूल से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। ग्रामीणों ने समझा आंधी आ गयी है। इससे सभी लोग खांसने लगे और उनका दम घुटने लगा। कई लोग खांसते खांसते गिर गये। लगातार धूल से सवेरे होते होते सैकड़ों लोग बीमार हो गये।
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दर्जनों ग्रामीणों ने जताया विरोध
जौनपुर।
प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर मशीन के चलते फूल और गर्दा गुबार ईतनी तेजी से उड़ रहा था जैसे हेलीकाप्टर आने पर होता है।अथवा तेज आंधी आने का नजारा दिखता हैं। जिससे लोग दहल गये। केशरपुर के मनीष मौर्य, राज पटेल, मोती लाल जायसवाल, सुभाष पाल, मुस्काबाद के चन्द्रपाल, नन्द लाल, शीतला प्रसाद मौर्य, कमरूद्दीनपुर के राम लाल, शिव अजोर, मेवा लाल, पंकज बिन्द, रमेश चन्द आदि दर्जन भी से अधिक लोगों को जिला अस्पताल लाकर इलाज कराया गया।
शनिवार को हजारों वाहनों के जौनपुर आजमगढ़ हाई-वे पर आवागमन से पूरे दिन धूल उड़ती रही। इससे गृहस्थी और खाने पीने का सामान खराब हो गया था। लोग मुंह पर रुमाल और गमछा रख कर गुजरने के लिए मजबूर हो गए हैं।