संकल्प सवेरा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तर-प्रदेश की योगी सरकार ने तय समय में पंचायत चुनाव कराने के लिए कमर कस ली है. कोर्ट के आदेश अनुसार, ग्राम पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण सूची वर्ष 2015 के रोटेशनस के अनुसार ही तैयारी की जाएगी. इसका मतलब यह वर्ष 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, ग्राम प्रधान तथा ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के पदों की जो सीटें जिन जातियों के लिए आरक्षित की गई थीं. इस बार के चुनाव के लिए वह सीटें उन जातियों के लिए आरक्षित नहीं की जाएंगी. उदाहरण के लिए महिला के लिए आरक्षित ब्लॉक प्रमुख के पदों के आवंटन के लिए जिले की क्षेत्र पंचायतें जो एसटी-एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित हो चुकी हैं, उनको हटाते हुए जो बाकी बचेंगी उन्हें सामान्य वर्ग की जनसंख्या के अवरोही क्रम में लगाया जाएगा. सबसे पहले महिला की सीट का आवंटन उन क्षेत्र पंचायतों में किया जाएगा जो वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में महिला श्रेणी में आवंटित नहीं रही हैं.
आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग की एक बड़ी बैठक गुरुवार को यानी आज होने जा रही है. इसमें प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त के साथ ही आयोग के दूसरे अफसर भी शामिल होंगे.
आरक्षण क्रम की नियमावली
-अनुसूचित जनजातियों की महिला
-अनुसूचित जनजाति
अनुसूचित जाति महिला
-अनुसूचित जाति
-ओबीसी महिला
-ओबीसी
-महिला
जनसंख्या के अनुपात में होगी आरक्षित सीटों की गणना
नए शासनादेश के अनुसार, जिला पंचायत अध्यक्ष के 75, ब्लॉक प्रमुख के 826 और ग्राम प्रधान के 58194 पदों में आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी. राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधानों में एस.टी, एस.सी. और ओबीसी के लिए आरक्षित किए जाने वाले पदों की संख्या की गणना राज्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में की जाएगी. महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एसटी और एससी के लिए 23 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से पंचायतों में सीटें आरक्षित की जाएंगी.
27 मार्च तक आएगी लिस्ट
बता दें कि आरक्षण सूची को रद्द करने से पहले इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि 25 या 26 मार्च को चुनाव की घोषणा हो जाएगी और आचार संहिता लग जाएगी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेशों पर आरक्षण सूची तय करने के नियमों में बदलाव के कारण इन तिथियों को थोड़ा आगे बढ़ाया जाएगा. 27 मार्च तक आरक्षण सूची जारी किए जाने के हफ्ते भर के भीतर प्रदेश में चुनाव की घोषणा की संभावना है.
 
	    	 
                                












